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Description
A housewife has to face many problems while doing household activities. The contains tips to get rid of such problems. These are practical tips for everyday recipes, which are equally effective also. Adopt them and become the perfect homemaker.
Informations
Publié par | V & S Publishers |
Date de parution | 22 octobre 2011 |
Nombre de lectures | 0 |
EAN13 | 9789352150007 |
Langue | Hindi |
Poids de l'ouvrage | 4 Mo |
Informations légales : prix de location à la page 0,0500€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
1001 घर – गृहस्थी के काम की बाते
प्रस्तुति
शशि गोयल
प्रकाशक
F-2/16, अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली-110002 23240026, 23240027 • फैक्स: 011-23240028 E-mail: info@vspublishers.com • Website: www.vspublishers.com
क्षेत्रीय कार्यालय: हैदराबाद मुम्बई
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© कॉपीराइट: वी एण्ड एस पब्लिशर्स ISBN 978-93-814486-5-6 संस्करण:
भारतीय कॉपीराइट एक्ट के अन्तर्गत इस पुस्तक के तथा इसमें समाहित सारी सामग्री (रेखा व छायाचित्रों सहित) के सर्वाधिकार प्रकाशक के पास सुरक्षित हैं। इसलिए कोई भी सज्जन इस पुस्तक का नाम, टाइटल डिजाइन, अन्दर का मैटर व चित्र आदि आंशिक या पूर्ण रूप से तोड़-मरोड़ कर एवं किसी भी भाषा में छापने व प्रकाशित करने का साहस न करें, अन्यथा कानूनी तौर पर वे हर्जे-खर्चे व हानि के जिम्मेदार होंगे।
प्राक्कथन
जीवन का कोई भी पहलु हो, कुशलता व् परिपक्वता उसे एक नया रंग देती है। घर- परिवार में भी यदि किसी वस्तु का कम मेहनत में अधिक से अधिक उपयोग किया जा सके, तो वह उस वस्तु की सार्थकता है और आपके रूपयों का सदुपयोग, क्योंकि कभी-कभी छोटी-छोटी बातों की जानकारी न होने से चीजें पुरानी होने पर फेंक दी जाती हैं, या फिर बदरंग वस्तुएं ही प्रयोग में आती रहती हैं लेकिन बहुत – सी छोटी बातें ही उन वस्तुओं को नया दे देती हैं। उनका उपयोग कर अपनी कुशलता का परिचय दिया जा सकता है।
खाना बनाना भी एक कला है। इस कला में प्रवीणता कुछ बातों से आती है। किस प्रकार बचा हुआ खाना फिर से नये रूप में पकाया जा सकता है, या किस वस्तु के प्रयोग से आपके द्वारा बनायी वस्तु अधिक स्वादिष्ट बन सकती है। इसकी जानकारी एक परिपक्व ग्रहणी को होनी ही चाहिए।
प्रस्तुत पुस्तक में समय – समय पर कुशल महिलाओं द्वारा आजमाये हुए नुस्खों का संकलन है जिनके लिए कहा जा सकता है – “देखन में छोटे लगें घाव करें गंभीर„।
इस पुस्तक को कई वर्गों में विभक्त किया है जिससे उपयोग करने में सुविधा रहे जैसे – रसोईघर: साफ – सफाई व खान पान, घरेलू सामान की रख – रखाव, पौधे, सौंदर्य रझा इत्यादि।
संभवतः यह पुस्तक महिलाओं की और साथ ही कुछ हद तक पुरूषों की कई परेशानीयों को हल करेगी।
-शशि गोयल
अनुक्रमिका
रसोईघर: साफ – सफाई व खान – पान 5 – 58
रसोई उपकरणों की सफाई 5 काँफी 5 पुदीना 5 तवा 5 कुकर की रबड़ 7 रोटी 7 अंडे 8 आटा 9 परांठा 10 पूरी 11 इडली व डोसा 11 आइसक्रीम 13 ऐसे सुधारें बिगड़े काम 14 ताजापन 15 आचार-मुरब्बा 16 न होने पर 16 कस्टर्ड 17 जैम जैली 17 कढ़ी 18 पुलाव 18 चटनी 19 चावल 19 चाय 19 काटना 20 केक 21 गाढ़ा करना 23 गलाना 24 छीलना 24 जिन्स 25 तलने से पहले 26 तेल या घी 26 दही 28 दाल 29 दूध 30 नीबू 31 पनीर 31 पापड़ 33 चिप्स 33 पीसना 34 प्याज 35 फेंकिए मत 35 मलाई, मक्खन 44 मछली 45 मिष्ठान्न 45 हलवा 47 सब्जी बनाने से पहले 48 संरझण 51
घरेलू सामान की रख रखाव 59–91
बर्तन 59 स्टील 62 पीतल 63 क्रोमियम 64 तामचीनी 65 एल्युमिनियम 65 हाथी – दांत 65 प्लास्टिक 65 मैलमोवेयर 66 कांच 66 चीनीमिट्टी के बर्तन 68 थर्मस 69 दर्पण 69 वस्त्र 70 लेस 77 दाग 79 फ्रीजर 84 फर्श 85 टाइल 86 चमड़ा 87 फर्नीचर 88 कागज 90 जंग 91
कुछ जरूरी हिदायतें 92– 109
टेलीफोन 92 परदा 92 प्रैस 92 लिफाफे 93 सिलाई 93 सैल 95 सेलोतेप 96 सफर 96 कांर्क 97 कील 97 कांटा 98 तस्वीर 98 मोमबत्ती 99 धूल 100 झाडू 100 छाता 100 धार तेज करना 101 जूता 101 गंध 103 गैस लाइटर 108 गोंद 108 गैरेज 108 कीमती उपकरण 109 कैसेट 109 कंधे 109
मिलावट की पहचान 110-111
पौधे 111– 117
पुरानी वस्तुओं का नया उपयोग 118 – 122
पुरानी टूथब्रश 121
आभूषणों और कीमती सामान की सफाई 123 – 127
सोने के जेवर 123 चांदी के जेवर व बर्तन 124 हीरे के जेवर 127 मोती के जेवर 127
किट रक्षा 128-132
सौंदर्य रक्षा 133-144
बाल 133 आँखे 135 त्वचा 135 स्नान 139 दांत 140 नाखून 141 नेल्पांलिश 141 हाथ 142 मेंहदी 143 एड़ी 143 कोहनी 144
रसोईघर: साफ-सफाई व खान-पान
रसोई उपकरणों की सफाई
रसोई व बिजली के उपकरणों को को नया व चमकदार बनाने के लिए नायलन के झावे से उन पर मिट्टी का तेल लगाकर यूँ ही रातभर छोड़ दें। सुबह हल्के गीले कपड़े से उन्हें रगड़कर साफ करें।
चूल्हों या कड़ाहीयों पर जमी हुई चिकनाई को आसानी से साफ करने के लिए रूई में थिनर लगाकर साफ करें।
गैस बर्नर के छेद खोलने के लिए बर्नर को सोडा मिले पानी में रातभर रखें, सुबह पानी से पोंछ दें।
गैस के चूल्हे पर खाना बनाते समय विविध पदार्थों के गिरने से उसके आसपास गंदगी की तह बैठ जाती है। यदि महीन नमक घिसकर उसकी सफाई की जाए तो गंदगी और गंध दोनों ही दूर हो जाती हैं।
माइक्रोवेव ओवन साफ करने के लिए हल्के गीले कपड़े पर थोड़ा-सा दांत साफ करने का कोई भी मंजन डालें और मुलायम कपड़े से रगड़े, इसके धब्बे तुरंत साफ हो जाएँगे।
वाशबेसिन साफ करने के लिए स्पंज का एक चौरस टुकड़ा लेकर उस पर एक चम्मच सफाई का कोई भी पाउडर या सर्फ डालें। प्रतिदिन उस टुकड़े पर कुछ बुँदे पानी की डालें। वेसिन को पोंछ लें, बाद में स्पंज को सोखने रख दें। यह एक चम्मच सर्फ या विम पूरे एक हफ्ते चलेगा। एक सप्ताह बाद उस स्पंज को पानी में डालकर फिर पाउडर डालें और काम में लाएं।
काँफी
काँफी बनाते समय उसमें जरा-सा बोर्नविटा मिलाईऐ, इससे अलग ही स्वाद आएगा।
काँफी में काँफी की सुगंध अधिक आए, इसके लिए उसे उबालने से पहले पानी में चुटकी भर नमक मिला देना चाहिए।
पुदीना
पुदीना सुखाकर चूर्ण बना लीजिए, यह रायते में और दही–बड़े को सजाने के काम आएगा।
टमाटर के सूप में यदि एक चम्मच बकरीद पिसा पुदीना मिला दिया जाये, तो उसका स्वाद बढ़ जाता है।
तवा
रोटी बनाने के बाद तवे पर थोड़ा – सा नीबू मल देने से तवा साफ हो जाता है।
साधारण कड़ाही या फ्राइंग पैन को आप निर्लेप यानि नाँन स्टिक बना सकती हैं। उसके लिए कड़ाही या फ्राइंग पैन में पहले आप कुछ देर तक नमक भुनें फिर उसमें से नमक निकलकर तेल – घी डालकर कुछ भी तलें। अब पेंदे पर कुछ भी नहीं चिपकेगा।
निर्लेप करने के लिए प्याज का भी उपयोग किया जा सकता है।
कोई भी वस्तु पकाने से पहले कड़ाही व तवे को खूब गर्म कर लें, घी कम लगेगा और जीरा आदि चमक कर आएगा।
कुकर की रबड़
कुकर की रबड़ खोलते ही ठंडे पानी से धो दी जाए, तो जल्दी खराब नहीं होगी।
कुकर की रबड़ यदि थोड़ी ढीली है, तो उसे फ्रीजर में कुछ देर के लिए रख दें, वह पहले की तरह ठीक काम करने लगेगी।
कुकर की रबड़ यदि ढीली हो तो उसे काटकर सी लें। वह ठीक काम करेगी।
रोटी
गैस पर सेंकने के बाद यदि रोटियां कड़ी हो जाती हैं तो उन्हें सेंककर कुकर में रख दें। थोड़ी देर के लिए ढक्कर लगा दें। रोटियां गर्म और मुलायम रहेंगी।
अण्डों को गर्म साँस में डालने से पहले किसी गर्म पदार्थ, जैसे की दूध या गर्म पानी में डालकर अच्छी तरह फेंट लें! इससे डालते समय अंडा फटेगा नहीं और अच्छी तरह से मिल जायेगा।
दरार पड़े या क्रेक अंडे पर सेलोटेप लगाकर अधिक दिनों तक सुरक्षित रखा जा सकता है।
आटा
आटा पिसवाते समय इसमें धोडी- थोडी मात्रा में सोयाबीन, मूंगदाल और मेथी डाल दीजिए। इससे बनी रोटी पौष्टिक होगी।
आटे को यदि ठंडे पानी के स्थान पर गर्म पानी से गूंधा जाए तो रोटी स्वादिष्ट व नर्म बनती है।
आटे की गूंधने के बाद उस पर हल्की-सी घी की परत चढ़ा दें। इससे आटा खमीरा नहीं होगा। कारण, चिकनाई की तह की वजह से खमीर करने वाले कीटाणु आटे पर नहीं चिपक पाते और आटा खमीरा होने से बच जाता है।
आटा गूंधने के बाद थाली में चारों और लगा आटा रोटी बनाते समय सूख जाता है। यह आटा बर्तन साफ करने पर नहीं छूटता, इसलिए आटा गूंधने के बाद थीड़ा-सा नमक और दो-चार बूंद पानी हाथ में लेकर पूरी थाली पर गूंधा आटा फेरें, सारा आटा उसमें चिपक जाएगा।
यदि आटे, बेसन या मैदे में मोयन देना हो, तो पहले घी या तेल को गर्म कर लें। उससे कम घी में अच्छा मोयन लगेगा और चीज अधिक खस्ता बनेगी।
परांठा
परांठे बनाते समय आलू चिपचिपे न हों, परांठे बेलने में परेशानी न हो, इसके लिए आलू की पिट्ठी में ब्रैड का चूरा या बेसन भून कर मिला दें, परांठे आसानी से बनेंगे।
आलू की भरवां कचौड़ी बनाते समय भी यदि पिट्ठी में जरा-सा चिवड़ा मिला दिया जाए तो पिट्ठी बिखरेगी नहीं।
मेथी, मूली के परांठे बनाते समय कद्दूकस की गई सामग्री में नमक-मिर्च व मसालों के अतिरिक्त बेसन मिलाने से परांठे स्वादिष्ट व पौष्टिक तो हो ही जाते हैं, उनमें करारापन भी आ जता है, क्योंकि बेसन पानी सोख लेता है।
रखने के लिए मुलायम परांठे बनाने हो, तो आटा गूंधते समय जरा-सो पकी हुई दाल डाल दें, परांठे मुलायम रहेंगे।
मेथी के परांठे यदि दही से गूंधे गए आटे के बनाए जाएं तो अधिक स्वादिष्ट बनेंगे।
मेथी, दाल के परांठों वह स्वाद यदि बढ़ाना हो, तो आटे को गूंघते समय उसमें थोड़ा-सा बेसन मिला दें।
पूरी
नर्म-खस्ता पूरी बनाने के लिए मोयन का उपयोग न करके आटे को दही या दूध से गूंधे।
पूरियों के लिए आटा गूंधते समय आटे में थोड़ा-सा बेसन मिला लें, पूरियां खस्ता बनेंगी।
मक्खी के आटे को गुनगुने चावल के मांड से गूंधिये, रोटी स्वादिष्ट और आसानी से बनेगी।
मक्का और बाजरे की रोटी दूध की खाली थैली चकले पर बिछाकर बनाएं तो थापने और उठाने मेँ आसानी रहेगी।
इडली व डोसा
डोसा, मंगोड़े व पकीड़े के लिए पिसी दाल को या घोल को दूध डालकर फेंटें, व्यंजन बहुत ही कुरकुरा बनेगा। ध्यान रहे कि किसी घोल में नमक डालकर फेंटने से व्यंजन का कुरकुरापन जाता रहता है। फेंटने के बाद नमक डालकर तुरंत उतारे।
डोसे के चावलों में यदि बचे हुए थोड़-से उबले चावल मिला दिए जाएं और पीस दिये जाएं, तो डोसा अधिक करारा व पतला बनेगा।
अवसर पहला डोसा तवे पर चिपक जाता है। तवे पर चिकनाई के साथ थोड़ा-सा नमक मिलाकर तवा पोंछ लें, फिर डोसा फैलाए।
डोसा व इडली यदि जालीदार बनाने हो, तो मिश्रण में एक चम्मच सिरका डाल दें।
इडली व डोसे के लिए चावलों को भिगोने से पहले जरा-सा भून लें। इससे इडली स्पंजी बनेगी और डोसा करारा।
इडली के लिए दाल भिगोते समय उसमें एक चम्मच मेथीदाना भी डालें। इससे इडली अत्यधिक मुलायम बनेगी।
दो पापड़ पांच मिनट के लिए जरा-से पानी में भिगोएं, उनका घोल इडली के घोल में मिला दें इससे भी इडली मुलायम बनेगी।
सर्दियों में इडली या डोसे के मिश्रण में खमीर उठाने के लिए मिश्रण से भरे पतीले को वोल्टेज स्टेबलाइजर के ऊपर रख दें, रातभर में अच्छा खमीर उठ जाएगा।
आइसक्रीम
आप चाहती है कि आपकी आइसक्रीम में बर्फ न आये तो आइसक्रीम को फ्रीजर में कुछ देर रखने के बाद बाहर निकाल लें। थोडी जमी आइसक्रीम पर बोडा-सा नमक बुरक दे और उसे फिर से फ्रीजर में रख दें। ऐसा करते समय यह सावधानी जरुर बरतें कि आइसक्रीम हिले नहीं। ऐसा करने पर आइसक्रीम में बर्फ भी नहीं आएगी और वह स्वादिष्ट भी बनेगी।
आइसक्रीम में बर्फ न जमे, इसके लिए उबालकर ठंडे किए दूध में पहले आधा नीबू का रस मिला दें और फिर उस दूध को फ्रिज में रख दें।
एक बार निकालकर दोबारा फ्रिज में रखने से पहले उस पर पाँलिथिन की शीट लगाने से क्रिस्टल नहीं बनेंगे।
अच्छी और मुलायम आइसक्रीम जमाने के लिए एल्यूमिनियम का ढवकनदार बर्तन ही लें। पहले फ्रिज को डिफ्रास्ट कर लें। फिर बर्तन को ठंडा कर लें। अब इसमें मिश्रण को डालकर अधिकतम तापक्रम पर फ्रीजर में रखें। जब मिश्रण थोड़ा सैट हो जाए, तो तापक्रम सामान्य कर दें। ऐसा करने से आइसक्रीम स्वादिष्ट बनेगी।
जिन प्यालों में आपने आइसक्रीम सर्व करनी है, उन्हें फ्रिज में रखकर ठंडे कर