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Description
Sujets
Informations
Publié par | Diamond Books |
Date de parution | 10 septembre 2020 |
Nombre de lectures | 0 |
EAN13 | 9789390088157 |
Langue | English |
Informations légales : prix de location à la page 0,0108€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
कोरोना वायरस
eISBN: 978-93-9008-815-7
© लेखकाधीन
प्रकाशक डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.
X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
नई दिल्ली- 110020
फोन : 011-40712200
ई-मेल : ebooks@dpb.in
वेबसाइट : www.diamondbook.in
संस्करण : 2020
कोरोना वायरस
By - हिमांशु शर्मा
विषय सूची वायरस या विषाणु क्या है कोरोना वायरस कोरोना वायरस के फैलने के कारण अफवाह या सच मानवता पर खतरा लक्षण, बचाव एवं उपचार कोरोना का विश्व और भारत पर प्रभाव भारत सरकार की भूमिका भारत की सनातन पद्धति भविष्यवाणियां एवं अनुमान शेष
वायरस या विषाणु
आप सभी ने वायरस का नाम तो सुना ही होगा, लेकिन क्या कभी सोचा है कि वायरस क्या है ? वायरस या विषाणु एक अतिसूक्ष्म जीव होता है और इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह होती है कि यह केवल जीवित कोशिका में ही वंश वृद्धि कर सकता है। यह हर प्रकार के प्राणियों यहां तक कि बैक्टीरिया को भी प्रभावित करने में सक्षम होता है और इसका आकार बैक्टीरिया से भी बहुत छोटा होता है। वायरस नाभिकीय अम्ल एवं प्रोटीन से मिलकर बने होते हैं। शरीर के बाहर तो यह बिल्कुल मृत समान होते हैं लेकिन जब यह शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं तो जीवित हो जाते हैं। एक वायरस बिना किसी सजीव के माध्यम से पुनः उत्पादन नहीं कर सकता और यह सैकड़ों वर्षों तक सुषुप्त अवस्था में रह सकता है और यह खुद से पनपने में असक्षम होते हैं। जब कभी भी वायरस किसी जीवित माध्यम या शरीर के संपर्क में आता है तो उस जीव की कोशिका में जीवित हो जाता है जिससे वह जीव बीमार हो जाता है। यह कोशिका के डीएनए की जेनेटिक संरचना को अपनी जेनेटिक संरचना से बदल देता है।
सभी वायरस हानिकारक नहीं होते हैं। कुछ वायरस लाभप्रद भी होते हैं जैसे कि जीवाणु भोजी वायरस लाभप्रद वायरस हैं और यह हैजा, पेचिस, टाइफाइड आदि रोग उत्पन्न करने वाले वायरस को नष्ट करता है और मानव शरीर की रोगों से रक्षा करता है। वहीं कुछ वायरस हानिकारक होते हैं जो रोग उत्पन्न करते हैं जैसे एचआईवी, इनफ्लुएंजा वायरस, पोलियो वायरस इत्यादि। यह वायरस संपर्क द्वारा, वायु द्वारा, भोजन द्वारा एवं जल द्वारा अंतरण करते हैं। वायरस का आकार बैक्टीरिया से 50 गुना कम तक होता है और यह पूरी तरह से जीवित प्राणी नहीं माने जाते हैं। एक और तो उनके अंदर वे सभी चीजें पाई जाती हैं जो कि एक जीवित प्राणी में होनी चाहिए जैसे कि न्यूक्लिक एसिड, डीएनए, आरएनए आदि। वहीं दूसरी ओर ये जीवित प्राणी की भांति स्वतंत्र रूप से कार्य करने में असक्षम भी होते हैं। वायरस अपना प्रजनन नहीं कर सकते हैं क्योंकि उनके अंदर वह जटिल तंत्र नहीं पाया जाता जोकि कोशिकाओं के अंदर होता है। वायरस खुले हुए घाव या श्वसन मार्ग से अपने जाने के लिए रास्ता ढूंढ़ते हैं। इसके अलावा कभी-कभी कीटाणुओं के द्वारा भी यह वायरस शरीर में प्रवेश कर जाते हैं क्योंकि जब यह कीटाणु काटते हैं तो इनके लार के साथ वायरस शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। डेंगू का बुखार इसी प्रकार का एक उदाहरण है।
पिछले कुछ समय से वायरस या विषाणु ने पूरी दुनिया में भयंकर रोगों का संचार किया है। ऐसे बहुत से वायरस आए हैं जो कि एकदम से लोगों में फैलते हैं और अपना तांडव दिखाते हैं। 2009 में भारत में स्वाइन फ्लू एवं 2014 में अफ्रीकी देशों में इबोला नामक वायरस फैला था जिनके कारण लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। आज हम बात करने वाले हैं हाल ही में फैले कोरोना वायरस की जिसने पूरी दुनिया अपने शिकंजे में ले लिया है और जिसके कारण हजारों लोगों की जानें अब तक जा चुकी हैं।
क्या है कोरोना वायरस
कोरोना वायरस की चर्चा पिछले कुछ महीनों से पूरी दुनिया में हर जगह हो रही है और फिलहाल इसके तेजी से फैलने की बातें भी सामने आई है। दरअसल चीन से शुरू हुए इस कोरोना वायरस ने धीरे-धीरे दुनिया में अपने भयंकर संक्रमण को फैला दिया है। जिसकी वजह से लगातार लोगों को यह वायरस संक्रमित करता जा रहा है और जिससे हजारों मौतें भी हो चुकी हैं। कोरोना वायरस को लेकर कई प्रकार की भ्रांतियां फैली रही हैं। लेकिन डब्ल्यूएचओ ने तेजी से फैल रहे इस वायरस को सीफूड से जुड़ा वायरस बताया है। दरअसल कोरोना वायरस विषाणुओं का एक समूह है जो शरीर को सीधा प्रभावित करता है। कोरोना वायरस के संक्रमण की शुरुआत मध्य चीन के वुहान शहर में 2019 के मध्य में दिसंबर में हुई। यहां पर सीफूड मार्केट में काम करने वाले अधिकतर लोगों के बिना किसी कारण निमोनिया होने लगा और यह धीरे-धीरे बहुत तेजी से फैलने लगा। तब वैज्ञानिकों ने एक शोध कर यह पता लगाया कि यह एक प्रकार का वायरस संक्रमण है जिसे कोरोना वायरस नाम दिया गया।
शोध से यह सामने आया है कि कोरोनावायरस मुख्य रूप से जानवरों के बीच में घूमते हैं। इस वायरस का संक्रमण भी चीन के वुहान शहर के उस थोक बाजार से शुरू हुआ जहां मछलियां एवं पशुओं का मांस बेचा जाता था। इससे पहले भी सन 2002 में सार्स कोरोना वायरस नामक एक वायरस ने चीन में संक्रमण फैलाया था जिससे महामारी फैली थी। इस वायरस की महामारी से निपटने के लिए डब्ल्यूएचओ ने चीन की काफी आलोचना की थी क्योंकि उस समय भी इस वायरस से लगभग 27 देशों में 850 से अधिक मौतें हुई थी। और ऐसा माना जा रहा है कि वर्तमान का यह कोरोना वायरस भी उसी वायरस के समान है जो 2002 में फैला था।
वर्तमान में फैले इस कोरोना वायरस से लगभग एक लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और तीन हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी हैं। यह तो पूरी दुनिया का आंकड़ा है। अकेले चीन में ही दो हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इससे यह समझ आता है कि यह स्थिति एक देश विकास की होड़ में लगे रहकर स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही का ही नतीजा है जो पूरे विश्व को भुगतना पड़ रहा है। कोरोना वायरस एक महामारी के रूप में पिछले तीन महीने से पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेता जा रहा है।
चीनी वैज्ञानिकों ने इस कोरोना वायरस का पता लगाते ही पूरे विश्व की प्रयोगशालाओं में इसका अनुक्रम प्रकाशित कर दिया ताकि दुनिया भर की प्रयोगशालाओं में इस वायरस के संक्रमण का पता लगाने के लिए पीसीआर तकनीक का विकास जल्द से जल्द करने में कामयाबी हासिल कर सके। हालांकि चीन के इस प्रयास की डब्ल्यूएचओ ने इस बार प्रशंसा की लेकिन अभी तक भी शोध में यह पूर्णतया निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका है कि आखिरकार यह वायरस क्यों और किस जानवर से निकल कर आया है ? यह एक अनुमान के आधार पर ही कहा जा रहा है कि यह सी फूड मार्केट से आया है और सबसे निराशाजनक बात तो यह है कि अभी तक इस वायरस की कोई दवा तैयार नहीं हो पाई है। सिर्फ सावधानी ही बचाव के रूप में हमारे सामने है। इस वायरस से संक्रमित जो