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Description
Sujets
Informations
Publié par | V & S Publishers |
Date de parution | 01 septembre 2015 |
Nombre de lectures | 0 |
EAN13 | 9789352151325 |
Langue | English |
Poids de l'ouvrage | 9 Mo |
Informations légales : prix de location à la page 0,0225€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
प्रकाशक
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© कॉपीराइट: वी एण्ड एस पब्लिशर्स
ISBN 978-93-521513-2-5
संस्करण :2020
DISCLAIMER
इस पुस्तक में सटीक समय पर जानकारी उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया गया है। पुस्तक में संभावित त्रुटियों के लिए लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होंगे। पुस्तक में प्रदान की गयी पाठ्य सामग्रियों की व्यापकता या सम्पूर्णता के लिए लेखक या प्रकाशक किसी प्रकार की वारंटी नहीं देते हैं।
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इस पुस्तक में उल्लिखित विशेषज्ञ के राय का उपयोग करने का परिणाम लेखक और प्रकाशक के नियंत्रण से हटकर पाठक की परिस्थितियों और कारकों पर पूरी तरह निर्भर करेगा।
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प्रकाशकीय
प्र स्तुत पुस्तक 'पंचतंत्र' की गणना विश्व के सर्वश्रेष्ठ ग्रंथों में की जाती है। पंचतंत्र का रचनाकाल पाँचवी शताब्दी माना गया है। इसके रचयिता श्री विष्णुशर्मा थे। नारायण पंडित का ‘हितोपदेश’, और फारसी ग्रंथ 'अनवर ई दानिश' का आधार पंचतंत्र को माना जाता है। पंचतंत्र में पशु-पक्षियों पर ढालकर लिखी गयी ज्ञानवर्द्धक कहानियाँ हैं। पंचतंत्र की सरल कथाओं से बच्चे, युवा और बड़े बुजुर्ग सभी को सीखने को बहुत कुछ मिलता है। पंचतंत्र की कहानियाँ पाठक को व्यवहार कुशल तथा नीतिज्ञ बनाती हैं। सामाजिक ज्ञान तथा व्यावहारिक ज्ञान का खजाना भरा पड़ा है। यह पुस्तक पंचतंत्र का सरल हिन्दी रूपान्तरण है। प्रत्येक कहानी के अंत में कहानी से प्राप्त होने वाली शिक्षा को दिया गया है। सफलता के लिए जितनी जानकारी आवश्यक है उतना इस पुस्तक में यथेष्ट रूप में दिया गया है।
हम आप सबको इस पंचतंत्र की रोचक कहानियों को पढ़कर ज्ञानार्जन करके नीतिनिपुण बनने की सद्इच्छा व्यक्त करते हुए यह कहानीरूप में प्रस्तुत अनमोल धरोहर आपके हाथों में सौंपता हूँ।
-प्रकाशक
विषय सूची
कवर
मुखपृष्ठ
प्रकाशक
प्रकाशकीय
विषय सूची
शिकारी और कबूतर
ब्राह्मण मित्र और शेर को जीवनदान
ब्राह्मण की पत्नी और नेवला
गौरैया और जंगली हाथी
केकड़ा और बगुला
जुड़वाँ
दो सिर वाला जुलाहा
बुद्धिमान हंस और बातूनी कछुआ
लड़की और उसका सर्प- पति
बन्दर और मगरमच्छ
शिकारी और कबूतर
ए क क बार किसी जंगल में कबूतरों का एक झुण्ड रहता था। उनका एक बहुत चतुर एवं बुद्धिमान राजा था।
एक दिन कबूतरों का झुण्ड खाने की तलाश में उड़ान पर निकला। उन्हें काफी दिनों से भोजन नहीं मिला था और वह बहुत भूखे थे। कुछ समय उड़ने के पश्चात् कबूतरों को एक जगह जमीन पर अन्न के दाने दिखें। 'इधर सब लोग देखो, यहाँ कुछ स्वादिष्ट दाने बिखरे हुए हैं चलो, हम वहाँ चलते हैं और उन्हें खाते हैं।' एक कबूतर बोला! वे सभी अन्न के दानों की ओर नीचे उतरने लगे। आखिरकार उन्होंने अपने लिए भोजन खोज ही लिया, यह सोचते हुए जमीन पर उतर गये।
जैसे ही कबूतरों ने दाने चुगना आरम्भ किया एक भारी जाल उनके ऊपर आ गिरा।
हमारी सहायता करो, सहायता करो, सब कबूतर यह चिल्लाने लगे। तभी उन्हें अपनी ओर एक शिकारी आता हुआ दिखा। सारे कबूतर शिकारी को आता देखकर भयभीत हो उठे। वे सब जानते थे कि वह उन सबको पिजड़ों में रखेगा और वे कभी दोबारा नहीं
उड़ सकेंगे। वे और जोर से चीखने लगे। फिर, कबूतरों के राजा ने उनसे शान्त रहने को कहा। राजा सभी कबूतरों को बचाने की योजना सोच रहे थे। अचानक उनके दिमाग में एक विचार कौंधा। उसने सारे कबूतरों से कहा, 'हमें एक साथ उड़ने का प्रयास करना चाहिए। यदि हमें यहाँ से निकलना है तो हमें अपनी पीठ पर पड़े जाल को लेकर एक साथ उड़ना होगा।' अन्य कबूतर इस बात से सहमत हो गये। शीघ्र ही सारे कबूतरों को इसके लिए निर्देश दे दिया गया। सभी ने एक साथ अपने पंख फड़फड़ाने शुरू कर दिये और शीघ्र ही जाल के साथ उड़ चल