ROG PAHCHANEIN UPCHAR JANE
127 pages
Hindi

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ROG PAHCHANEIN UPCHAR JANE , livre ebook

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Description

This is a health and medical awareness book. It helps to easily identify diseases and explains the symptoms. It also indicates that in the daily routine what precautions are taken, cause of diseases, measures to avoid, things to consider, have been well contained. Moreover, “How to change the life style”, etc. have also been scientifically detailed in the book.


Informations

Publié par
Date de parution 12 juillet 2011
Nombre de lectures 0
EAN13 9789352151585
Langue Hindi

Informations légales : prix de location à la page 0,0500€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.

Extrait

रोग पहचानें उपचार जानें
 
 

हर प्रकार के रोगों की पहचान करके उनके घरेलू तथा प्राकृतिक उपचारों द्वारा निदान की उपयोगी पुस्तक।
 
 
इस पुस्तक में रोगों की आसानी से पहचान बताई गई हैं। रोगो के लक्षणों को समझाया गया है।
दिनचर्या में तमाम सावधानियों का हितकर प्रावधान है।
रोगों के कारण, बचने के उपाय, ध्यान रखने की बातें, अतिरिक्त लाभ सभी को ठोस रूप में दे दिया है।
जीवन शैली बदलने, परहेज़ करने, स्वयं चैक करने के बारे में भी प्रामाणिक जानकारी दी गई है।
दवाइयों का साइड इफैक्ट नहीं तथा इतनी शक्तिवर्धक कि रोग प्रतिरोध की क्षमता बढाए।
सभी नुसखे घरेलू और सुलभ। कोई उलझन नहीं। अपने आस-पास से ही जुटाएं और उपचार करें।
कारगर, कौरी और कामयाब नुसखों की नितांत घरेलू पुस्तक।


 
 

 
योग और भोजन द्वारा रोगों का इलाज 96/-
योगासन एवं साधना 72/-
रोग पहचानें उपचार जानें 80/-
स्वास्थ्य रहने के 51 सुझाव 80/-
स्वास्थ्य संबंधी गलतफ़हमियां 96/-
सफल घरेलू इलाज 75/-
सर्वसुलभ जड़ी-बूटियों द्वारा रोगों का इलाज़ 95/-
हृदय रोग : क्या है, क्यों होता है और कैसे बचें 96/-
लेडीज हेल्थ गाइड 135/-
एक्युप्रेशर चिकित्सा 80/-
 
 

वी एण्ड एस पब्लिशर्स को पुस्तकें
देश-भर के रेलवे, रोडवेज तथा अन्य प्रमुख बुक स्टॉलों पर उपलब्ध हैं। अपनी मनपसंद पुस्तकों की मांग किसी भी नजदीकी बुक स्टॉल से करें। यदि न मिलें, तो हमें पत्र लिखें। हम आपको तुरंत भेज देंगें। इन पुस्तकों की निरंतर जानकारी पाने के लिए विस्तृत सूची-पत्र मंगवाएं या हमारी वेबसाइट देखें!
www.vspublishers.com



 
 
 
 
सुर्दशन भाटिया
 
 
 
 



प्रकाशक

F-2/16, अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली-110002 23240026, 23240027 • फैक्स: 011-23240028 E-mail: info@vspublishers.com • Website: www.vspublishers.com
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बैंक स्ट्रीट, कोटि, हैदराबाद-500015
040-24737290
E-mail: vspublishershyd@gmail.com
शाखा : मुम्बई
जयवंत इंडस्ट्रियल इस्टेट, 1st फ्लोर, 108-तारदेव रोड
अपोजिट सोबो सेन्ट्रल मुम्बई 400034
022-23510736
E-mail: vspublishersmum@gmail.com
फ़ॉलो करें:
© कॉपीराइट: वी एण्ड एस पब्लिशर्स ISBN 978-93-814484-7-2
डिस्क्लिमर
इस पुस्तक में सटीक समय पर जानकारी उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया गया है। पुस्तक में संभावित त्रुटियों के लिए लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होंगे। पुस्तक में प्रदान की गई पाठ्य सामग्रियों की व्यापकता या संपूर्णता के लिए लेखक या प्रकाशक किसी प्रकार की वारंटी नहीं देते हैं।
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इस पुस्तक में उल्लीखित विशेषज्ञ की राय का उपयोग करने का परिणाम लेखक और प्रकाशक के नियंत्रण से हटाकर पाठक की परिस्थितियों और कारकों पर पूरी तरह निर्भर करेगा।
पुस्तक में दिए गए विचारों को आजमाने से पूर्व किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है। पाठक पुस्तक को पढ़ने से उत्पन्न कारकों के लिए पाठक स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार समझा जाएगा।
मुद्रक: परम ऑफसेटर्स, ओखला, नयी दिल्ली-110020


गहरी, मीठी नींद बहुत ज़रूरी है सबसे लिए
नींद ईश्वर की ओर से दी हुई एक नियामत है। प्रकृति ने नीद को हमारे जीवन का हिस्सा बनाकर हम पर बड़ा उपकार किया है। दिन-भर काम करने के बाद, रात को गहरी, मीठी नींद सोने से सारी थकावट दूर हो जाती है। खोई हुई शक्ति लौट आती है। शरीर के सभी अंग तरोताजा महसूस होने लगते हैं। काम करने की इच्छा होती है। पिछले दिन से भी अधिक काम करने की प्रवृति जागती है। अपने साथियों के साथ होड़ या मुकाबला करने, आगे निकल जाने, दूसरों को पछाड़ने का मन होता है। जो काम सामने आ जाए, उसे तुरंत निपटाने का मन करता है। पूरा शरीर, पूरा ही दिन स्फूर्ति से भरा रहता है।
इसके उलट यदि दिन-भर काम करने के बाद रात को ठीक से सोना न मिले, नीद न आए, तो शरीर टूटा-टूटा रहता है। पड़े रहने को मन करता है। उठने की इच्छा ही नहीं होती। दिन का काम हाथ में लेने का भी मन नहीं करता। देखते-ही-देखते बाकी लोग आगे निकलने लगते हैं और खुद पीछे रहने लग जाते हैं। काम ठीक नहीं हो पाता और न ही लक्ष्य पूरा हो पाता है। थके-थके बदन से काम कम निकलता है। ऐसे से आर्थिक रूप से भी पिछड़ना पड़ जाता है। इस प्रकार रात को ठीक नींद न ले सकने की बड़ी सजा़ भुगतनी पड़ जाती है।
नींद न आने का मतलब है अनिद्रा-रोग। इससे बचना जरूरी है। एक-आध रात नहीं सो सके, तो कोई बात नहीं। यदि हर रात नींद नहीं आएगी, तो यह रोग बन जाएगा, जो अनेक परेशानियां खड़ी कर देगा।
नींद न आने के कुल कारण
ठीक से नींद न आने के कईं कारण हो सकते हैं। ये हर व्यक्ति के लिए भिन्न भी हो सकते है, फिर भी कुछ मुख्य है:
1. कोई मानसिक बात परेशान कर रही हो, हो सकता है व्यक्ति तनाव से चल रहा हो।
2. जब शारीरिक क्षमता या मानसिक क्षमता से अधिक काम करना पड़े, तो भी सो पाना कठिन होता है। भले ही शरीर थका हुआ क्यों न हो।
3. कोई चिंता रहना जैसे-काम की, साधनों की, पैसे की, मार्केंटिंग की, धनाभाव आदि ऐसे अनेक कारण हो सकते है, जो टेंशन तो नहीं देते, पर छोटे-छोटे झटके लगाते रहते हैं तथा चिंता दिए रहते है।
4. घर का माहौल ठीक न होना अर्थात् पत्नी, भाई, माता-पिता, बच्चों आदि का व्यवहार व्यक्ति को ठीक से सोने नहीं देता। न तो वह खुलकर कह सकता है ओर न ही सहन ही कर सकता है।
5. कोई बीमारी होना तथा उस बीमारी के कारणों तथा परिणामों में झूलते हुए नींद गंवा बैठना।
अनिद्रा के लक्षण
जो व्यक्ति रात से ठीक प्रकार से सो नहीं पाता, जिसके कारण उसे दिन-भर कुछ न कुछ परेशानियां झेलनी पड़ती है। इनमें से कुछ लक्षण ये है:
•ऐसे व्यक्ति को कब्ज रहती है।
•खट्टी डकारें आती हैं। दिन भर बदहजमी सी रहती है।
•पूरे दिन सुस्ती रहती है। काम में मन नहीं लगता।
•ऐसा लगता है, जैसे ज्वर सा बना रहता हो।
दिनचर्या में सावधानियां
अपनी जिंदगी की दिनचर्या में कुछ छोटे-छोटे परिवर्तन कर लेने चाहिए। रहन-सहन से बदलाव लाने तथा थोड़ी सावधानियां रखने से अच्छी नींद आने की संभावना बन जाती है:
1. रात को सोने से पूर्व पैरों को धोना चाहिए। गर्मी के दिनो में ताजे पानी से तथा सर्दी के दिनों में हलके गरम पानी से पैर धोएं तथा पैरों को पोंछकर एवं सुखाकर तलवों पर सरसों के तेल की हलकी मालिश करें। इससे गहरी नींद आएगी।
2. प्रति रात आंवले के तेल से सिर की मालिश करें।
3. ब्राह्मी का तेल भी इस मालिश के लिए उपयोगी होता है।
4. बादाम रोगन भी दिमाग की ताजगी देता है, अत: कभी-कभी सिर की मालिश बादाम रोगन से भी करना चाहिए।
5. अपने डिनर में यदि आप एक कच्चा प्याज खाना शुरू कर दे, तो भी रात को अच्छी नींद ले सकेंगे।
6. कानों में सरसों के तेल की दो-दो बूंदें डालकर, रूई से कान बंद करके सोने से अच्छी नींद आती है।
उपचार
नींद न आने के कुछ घरेलू उपचार भी कर लेने चाहिए। अव्वल तो जो 6 सावधानियां ऊपर दी हैं, इनको अपना लेने से ही अच्छी नींद आ जाएगी। फिर भी अनिद्रा-रोग को पूरी तरह बाहर निकालने के लिए निम्न बताए गए उपचारों में से, जो आपको सहज सुलभ हो तथा उपयोगी लगे, उसे ज़रूर अपनाएं। लाभ होगा:
1. आपको सोने से पूर्व एक पाव गरम दूध पीने की आदत डालनी चाहिए। इस दूध को मीठा करने के लिए दो चम्मच शहद डालें। इससे अधिक फायदा होगा।
2. गरी की बनी मिठाई खाने से भी अच्छी नींद आती है।
3. पनीर भी नींद लाने में मदद करता है। रात को पनीर के तीन-चार टूकड़े खाकर एक कप गरम दूध पिएं।
4. 50 ग्राम सेब का मुरब्बा गरम दूध के साथ लेने से जल्दी नींद आती है।
5. इन उपचारो से भी अधिक लाभ के लिए 8 ग्राम खसखस को 200 ग्राम पानी में पीसकर छान लें। इस छने घोल में बारीक पीसी हुई मिसरी मिलाकर प्रतिदिन पीने से कुछ दिनों से ही खूब नींद आने लगेगी।
6. अपने दैनिक आहार में कुछ मीठे फल-खजूर, अंगूर, आम, मीठा तरबूज़, मीठा खरबूजा आदि जो भी उपलब्ध हो, खाने से भी रात को अच्छी नींद आएगी।
7. प्रेरणादायक तथा अच्छे संस्कार देने वाले साहित्य की कोई अच्छी पुस्तक रखें। नींद न आने पर उसे पढ़ें, मगर दिमाग पर जोर न डालें। जब नींद आने लगें, तो किताब बंद करके सोने का प्रयत्न करें। अच्छी नींद आएगी।
8. रात को सोते समय पुदीने की चाय अच्छी नींद लाने में सहायक होती है। डेढ़ कप पानी में पुदीना की सात पत्तियां डालकर उबालें, जब एक कप रह जाए तो छान लें। जब यह छना पानी गुनगुना रह जाए, तो इसमें दो चम्मच शहद मिलाकर पी लें। पन्द्रह दिन तक नियमित लेने के बाद आपको गहरी नींद आएगी।
9. सफेद खसखस तथा तरबूज़ के बीच की गिरी, समान मात्रा में लेकर अलग-अलग पीसें तथा दोनों अलग-अलग शीशियों मेँ रख लें। प्रात: खाना खाने के बाद दोनों से से 2-2 ग्राम की मात्रा लेकर दूध के साथ लें। इसे दिन में दो बार भी ले सकते हैं। यह भी गहरी नींद के लिए लाभप्रद है।
कुछ और भी
उपर्युक्त बातों के अतिरिक्त कुछ और भी बातें है, जिनका ध्यान रखने से अधिक लाम हो सकता है:
•रात का भोजन थोड़ा जल्दी करें।
•रात के भोजन के बाद कुछ देर खुले वातावरण में टहलें या घूमें। घूमना या टहलना गहरी नींद लाने के लिए ही नहीं, बल्कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।
•भोजन सन्तुलित, हलका एवं सुपाच्य हो। पूरा पेट भरकर न खाएं। थोड़ा भूखा रहना स्वास्थ्य के लिए हितकर है।
•डीप फ्राई, फ्राई, अधिक मक्खन, घी, तेल आदि से युक्त सब्जियों से बचें।
•बहुत जरूरी है कि सोने से पूर्व-
(i) आप ईश्वर की प्रार्थना करें कि अच्छी नींद आए।
(ii) सोते समय दिन भर आई सभी परेशानियों को भुलाकर सोएं।
(iii) अपनी कमियां, अपने भय, अपने अभाव, अपनी चिंताएं, अपनी असफलताएं आदि सब ईश्वर पर छोड़कर, पूर्ण निश्चिंत होकर सोने का प्रयत्न करें। ईश्वर-कृपा से गहरी नींद आएगी। इसे दैनिक नियम बना लें।
अधिक नींद आना
जहां मीठी, गहरी, अच्छी नींद न आना रोग है, वहीं अधिक नींद आना भी रोग है। अधिक नींद कोई अच्छी बात नहीं है। अत: आपकी चुस्त, दुरुस्त, सफल व्यक्ति बनकर अपनी जिम्मेवारियां पूरी करने के लिए अधिक नींद से छुटकारा पाना आवश्यक है।
जो व्यक्ति सूर्योदय के बाद भी सोते रहते है, वे अपने समय, स्वास्थ्य तथा उन्नति, तीनों का नुकसान करते हैं। आलस्य छोड़कर समय पर उठना व्यक्ति के लिए बहुत उपयोगी है।
बिना दूध, नीबू की चाय अधिक मीठा डालकर प्रात: तथा सायं पीने से आलस्य नहीं रहता। शरीर चुस्त रहता है और काम में मन लगता है।
लड़ाई की जड़ हंसी-बीमारी की जड़ खांसी
बड़े-बुजुर्ग समझाते आए हैं कि किसी का मजाक मत उड़ाओ। किसी पर हंसो मत। कहने को तो आपने मामूली-सी हंसी से बात शुरू की, मगर सामने वाले ने इसे कैसे लिया, इस पर सब निर्भर करता है। यदि उसने भी हलकेपन से लिया हो, तब तो बात आई-गईं हो जाएगी, वरना यह मामूली-सा मजाक, मामूली सी हंसी, लड़ाई का कारण बन सकती है। आप मजाक उड़ाते समय भले ही गंभीर न रहे हों, मगर बाद में व्याकुल कर देने वाला इसका रूप बड़ा ही कष्टप्रद हो सकता है। यहां तक कि कईं बार हंसी किसी को अपंग कर देने या जान से मार देने तक भी पहुंचा सकती है, अत: इस तरह की हंसी से बचें।
देखा न, मामूली हंसी व्यक्ति को हत्या तक पहुंचा देती है। ठीक यही चरित्र खांसी का भी है। हालांकि आप सोच सकते हैं कि मामूली-सी खासीं क्या बिगाड़ सकती है? यह कैसे किसी बीमारी या फिर असाध्य रोग तक पहुंचा सकती है।

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