Zid Karo Aur Safalta Pao
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Zid Karo Aur Safalta Pao , livre ebook

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Description

The much awaited book for the readers of all age groups. Success is Not by Chance is in the hands of our valued readers. In order to be successful, one must have determination first. A high-profile family background, abilities and riches do not matter. Ashoklndu state that once a person decides an aim and pursues that aim with determination. he is bound to succeed. This is the gist of this book! There are five chapters in this book. They motivate, enthrall and captivate readers and take them to the pinnacles of excitement. After reading them, readers become committed to be achievers and go-getters. What a fine way to start life! Read this book and your life shall be changed forever

Informations

Publié par
Date de parution 06 novembre 2020
Nombre de lectures 0
EAN13 9789389807370
Langue English

Informations légales : prix de location à la page 0,0132€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.

Extrait

ज़िद करो और सफलता पाओ
 

 
eISBN: 978-93-8980-737-0
© लेखकाधीन
प्रकाशक डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.
X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
नई दिल्ली- 110020
फोन : 011-40712200
ई-मेल : ebooks@dpb.in
वेबसाइट : www.diamondbook.in
संस्करण : 2020
Z ID K ARO AUR S AFALTA PAO
By - Ashok, Indu
मेरे स्वर्गीय पिता श्री एस. एन. पांडे व माँ श्रीमती आर. पांडे को समर्पित मैं आज जहाँ हूँ, उन्हीं के कारण हूँ
किसी भी कार्य को और अधिक कठिन बनाने का तरीका यही है कि उसे आगे के लिए टाल दिया जाए।
राल्फ मार्सटन
लेखक की ओर से
‘जिद करो और सफलता पाओ’ में आपको संभवतः कुछ ऐसे विचार मिलेंगे, जिन्हें आप पचा नहीं पाएँगे क्योंकि हमें बचपन से ही सिखाया जाता है कि सफल होने के लिए व्यक्ति को अथक परिश्रम करना पड़ता है, हम भूल जाते हैं कि परिश्रम और प्रयास दो अलग-अलग बातें हैं। सफलता पानी है तो लक्ष्य की दिशा में निरंतर प्रयास करना होगा, यहाँ कड़े परिश्रम का कोई काम नहीं। किसी भी काम से जुड़ी सफलता, काम में हमारे विश्वास के समानुपातिक होती है। सबसे खास बात ये है कि हमें सफलता व उसके मापदंडों पर विश्वास रखना होगा। यदि आप विश्वास रखते हैं कि आप कर सकते हैं, तो आप निश्चय ही कर सकते हैं। चाहे आप ऑफिस में हों या कहीं और; आपसे बेहतर, आपकी क्षमता का अनुमान किसी को नहीं है। व्यक्ति को मामले की गहराई को एक ओर रखते हुए, हमेशा जीत के बारे में सोचना चाहिए। जब भी कई प्रतियोगिता में हो, तो स्वयं को दूसरे प्रतियोगी से बेहतर मानें; इस तरह प्राप्त होने वाली सकारात्मक ऊर्जा जीत में सहायक होगी। यह कभी न सोचें कि आप उस घटना के लिए नहीं बने। जीवन की सभी घटनाएँ आपसे जुड़ी हैं व आपमें सभी अनुकूल या प्रतिकूल परिस्थितियों से जूझने की पूरी क्षमता है।
जो भी करें, यही दोहराते रहें कि आप ही सफल होंगे। सफल लोगों में सफलता के प्रति विश्वास के अलावा कुछ भी अतिरिक्त नहीं होता यदि कोई दूसरा सफल होने से जुड़ी उस आदत को अपना सकता है तो आप क्यों नहीं? हमेशा स्वयं को याद दिलाते रहें कि आपके भीतर सफल होने व विजेता बनने की सारी संभावनाएँ मौजूद हैं। किसी भी परिस्थिति में स्वयं को विजेता मानने लगेंगे तो शारीरिक अक्षमता व मानसिक बाधाएँ स्वयं ही दूर हो जाएँगी।
सफल होने के लिए किसी जादुई शक्ति की आवश्यकता नहीं, किंतु आप अपनी किसी भी क्षमता को जादुई ताकत में बदल सकते हैं? वरन इस सोच पर विश्वास जमाना होगा। आप जो भी करें, सफलता में आपका विश्वास ही, उसका आकार-प्रकार सुनिश्चित करेगा। सफलता का न तो भाग्य से कोई संबंध है और न ही किसी विशेष बुद्धिमता से। इसके लिए मध्यम दर्जे की बुद्धिमता के साथ समर्पित सोच चाहिए। किसी भी परिस्थिति में सफल होने का भरपूर विश्वास ही सफल बनने में सहायक होता है। आप यह जान कर आश्चर्यचकित होंगे कि बड़ी सोच नहीं अपितु समर्पित एकाग्रता ही सफलता पाने की कुंजी है।
(दुष्ट का साहस व ताकत, समाज के सदस्यों के भय व कायरता के अनुपात में होता है।)
मुझे पूरा विश्वास है कि इस दिशा में मेरा यह प्रयास आपके भीतर एक सोच पैदा करेगा, जिसके लिए आपको आई आई एम से किसी डिग्री की आवश्यकता नहीं बल्कि अपने भीतर अन्वेषण करना होगा ताकि भावी पीढ़ी को एक बेहतर जिंदगी दे सकें। आशा करता हूँ कि आपको पुस्तक पढ़ने में आनंद आएगा। आप edtrust@rediffmail.com पर अपना फीडबैक दे सकते हैं, मैं शीघ्र ही प्रत्युत्तर देने की चेष्टा करूँगा।
‒अशोकइंदु
तिथिः 4 अप्रैल, 2009 पांडे एजुकेशन ट्रस्ट क्वालिटी एजुकेशन परामर्श सेवाओं में एक विश्वसनीय नाम 2, पूरनवाड़ी, मॉडल टाऊन सी, मालवीय नगर जयपुर- 302017, राजस्थान (भारत)
पाठकों के नाम
हम मानते हैं कि हम जीतने के लिए पैदा हुए हैं, किंतु कोई भी काम शुरू करते ही हमें लगने लगता है कि पता नहीं हम इसे कर भी पाएँगे या नहीं, इस तरह हम बस ख्याली पुलाव पकाते रह जाते हैं। आप मानें या न मानें, ये नकारात्मक भावनाएँ अपने साथ और भी कई नकारात्मक भावनाओं को जन्म देती हैं। यह एक स्वभाविक प्रक्रिया है और आप भी इससे बच नहीं सकते। इसके विपरीत, जब आप केवल जीत के बारे में सोचते हैं तो आपका दिमाग केवल जीतने के सकारात्मक विचारों से भर जाता है।
हमारा मस्तिष्क उसी दिशा में कार्य करता है, जिस दिशा में हमारी चिंतन प्रक्रिया जाती है। किसी वस्तु के बारे में कुछ सोचना आरंभ करें, आपको यह देख कर आश्चर्य होगा कि आप उस ओर से अपना ध्यान नहीं हटा पा रहे हैं। यदि आप इसी निश्चित विचार को और आगे ले जाएँ तो यह दृढ़ता की प्रक्रिया तक पहुँच जाता है। एक दृढ़ विचारों वाला व्यक्ति चमत्कार कर सकता है। अपनी जिद के बल पर सब कुछ पा सकता है। प्रत्येक सफल व्यक्ति के बारे में सोचें तो आप उनके व्यक्तित्व की अलग-अलग खूबियों को पहचान पाएँगे किंतु उन सबमें एक विशेषता सामान्य रूप से थी, वो यह थी कि वे सफलता के प्रति, अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ धारणा रखते थे। उसे पाने का पक्का निश्चय रखते थे, उन्होंने सफलता को पाने की जिद ठान ली थी।
पुनर्जन्म की कोई भी पुस्तक उठा लें तो वे आपको यही आश्वासन देंगे कि एक बार मनुष्य रूप में जन्म लेने के बाद आप दोबारा भी मनुष्य रूप में ही जन्म पाएँगे, ऐसा इसलिए है क्योंकि मनुष्य की मानसिक संरचना, इस ब्रह्माण्ड में सबसे विकसित जीवन की है, जिसे किसी दूसरे जीवन के साथ जोड़ा नहीं जा सकता। दूसरी बात यह भी है कि एक बार आप कुछ पा लेते हैं तो इससे आपकी चिंतन प्रक्रिया निखरती है और फिर आपका पुनर्जन्म नहीं हो सकता, जो कि पहले तय है। पुनर्जन्म पर अध्ययन करने वाले वैज्ञानिकों ने पाया कि उन लोगों का नया जन्म, पिछले जन्म की तुलना में सामाजिक व आर्थिक रूप से कहीं उन्नत व बेहतर था।
आप सोच रहे होंगे कि आपको एक ऐसे सिद्धांत की व्याख्या दी जा रही है, जिस पर आप संभवतः विश्वास नहीं रखते। ठीक है, किंतु वैज्ञानिक प्रमाणों से लाभ उठाने में हर्ज ही क्या है! किसी का विश्वास या अविश्वास; ये दोनों ही किसी तथ्य की तर्कसंगतता को प्रभावित नहीं करते। जब हम कुछ देखते हैं, तो कह नहीं सकते कि उस पर विश्वास रखते हैं किंतु याद रखें कि हम ऐसी अनेक बातों पर भी विश्वास रखते हैं, जिनका हमारे पास कोई प्रमाण नहीं होता।
22 जुलाई, 2009 के सूर्यग्रहण का ही उदाहरण लें। नासा ने इस बड़ी घटना पर 200 पृष्ठों की एक रिपोर्ट तैयार की, जो कि सन् 2013 से पहले घटने वाली नहीं है। नासा के अनुसार इस प्राकृतिक घटना के अध्ययन के लिए बिहार के एक छोटे से स्थान ‘तारागेना’ को चुना गया। यही वो स्थान है, जहां प्रसिद्ध भारतीय ज्योतिषी व गणितज्ञ आर्यभट्ट ने लगभग पंद्रह सौ वर्ष पूर्व ग्रहों की गलियों का अध्ययन किया था। वे मौर्य शासनकाल में थे, उन्होंने भी ‘तारागेना’ को अध्ययन के लिए उपयुक्त स्थल चुना व अपने छात्रों के साथ वहीं बस गए। उन्होंने कुछ ऐसा करने का पक्का निश्चय कर लिया था, जो तब तक कोई नहीं कर पाया था।
क्या हम इसे एक संयोग मात्र कह सकते हैं? इस विश्व में अनेक घटनाएँ होती हैं, जो कई पीढ़ियों के बाद वैज्ञानिक व्याख्या पाती हैं क्योंकि आज तक हमारी प्रक्रियाएँ इतनी विकसित नहीं हो पाई हैं। जो बात आज तक निःसंदेह प्रमाणित हुई है, वह ये है कि मनुष्य बुद्धिमान है तथा पृथ्वी के सभी जीवों में से श्रेष्ठ है। उसमें प्रकृति पर विजय पाने की क्षमता है तथा अपनी तार्किक बुद्धि के अनुसार प्रकृति के सृजन या नष्ट करने की क्षमता भी है। आप भी एक मनुष्य हैं तथा परिस्थितियों को अपने चिंतन के अनुसार बदलने की क्षमता रखते हैं, बस शर्त केवल इतनी है कि आपके भीतर पक्का निश्चय होना चाहिए, इसके बिना कोई भी ताकत परिवर्तन नहीं ला सकती।
निःसंदेह आप जीतने के लिए ही बने हैं व उसे पाने का पक्का इरादा भी रखते हैं। हो सकता है कि आप मेरा मज़ाक उड़ाएँ, लेकन आने वाले एक घंटे में अपनी क्षमता व प्रतिभा पर विचार करें व इसके बाद वाले घंटे में आप निश्चित रूप से मेरा टेलीफोन नंबर या ई-मेल पता तलाश रहे होंगे ताकि मुझसे संपर्क कर सकें। चमत्कार करने या दूसरों से बेहतर करने के लिए आपको दो हाथों व एक सिर से अधिक की आवश्यकता नहीं है सावधान रहें, यदि कभी ईश्वर से मिलने का अवसर मिले और वे वरदान देना चाहें तो ऐसा वर माँगे, जो आपको आपके पक्के निश्चय से डिगा न सके।
हम अपनी क्षमता पर संदेह रखते हैं और उन लोगों से परामर्श लेते रहते हैं, जिन्होंने अपने मूल्यांकन का कभी प्रयास नहीं किया होता, इस तरह घातक परिणाम सामने आते हैं। इस धरती पर अधिक होने से कुछ अधिक नहीं मिलता। अधिकतर अन्वेषक, आविष्कारक या फोर्ब्स की सूची में नाम पाने वाले व्यक्ति सामान्य लोगों जैसे ही थे; यहाँ तक कि उनमें से कुछ को तो अपने मित्रों से कम बुद्धिमता होने की वजह से स्कूल व कॉलेज भी छोड़ने पड़े। (जो कि प्रत्येक छात्र को सफल बनाने का दावा करते हैं) परंतु उनमें एक बात सामान्य थी कि उन सभी में कोई ऐसा काम करने की ललक व पक्का निश्चय था, जो कि आज तक किसी ने न किया हो। सफलता के लिए किसी अतिरिक्त विशेषता की आवश्यकता नहीं होती, केवल आपको अपने भीतर छिपे हुनर को निखारना होता है। मानें, न मानें; इस दुनिया में कुछ भी अचानक या संयोग से नहीं मिलता; यह अथक प्रयासों व दृढ़ निश्चय का फल होता है। ‘किस्मत से’ शब्द उन कमजोर लोगों के लिए बना है, जो कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय में विश्वास नहीं रखते।
आप जिस सपने को साकार करने का पक्का निश्चय नहीं कर सकते, उसे पा भी नहीं सकते। आपके भीतर एक सफल व्यक्ति बनने के सभी गुण समाहित हैं अतः अपने मनपसंद क्षेत्र में कुछ भी करने की ठान लें व सफलता पाएँ। एक बात तो तय है कि आपने सफल होने की राह में पहला कदम तो बढ़ा ही दिया है, क्योंकि आपने पढ़ने के लिए इस पुस्तक को चुना है। ‘जिद करो और सफलता पाओ’ पुस्तक आपके हाथों में है, इसे पढ़ें व लाभ उठाएँ।
‒अशोकइंदु
अध्याय
पहला अध्यायः जुनून रखें बरकरार 1.1 पनी योग्यता पहचानें 1.2 भीतरी विशेषताएँ विकसित करें 1.3 अपना भाग्य स्वयं तय करें 1.4 अपने हुनर निखारें 1.5 अपनी सोच पर कायम रहें 1.6 आपका अंत नियत है 1.7 अपनी वैयक्तिकता सिद्ध करें 1.8 अपने ऊपर भरोसा रखें 1.9 संवेग समीकरण का अनुसरण करें 1.10 असफलता का भय दूर करें
दूसरा अध्यायः सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखें 2.1 सकारात्मक ऊर्जा का संरक्षण 2.2 विश्वास से रहें भरपूर 2.3 हमेशा रहें प्रसन्न 2.4 सफल होने का साहस 2.5 दूसरों की गलतियों से सीखो 2.6 परिणाम पाने के लिए दृढ़ निश्चय 2.7 सही समय पर कार्यवाही करें 2.8 अपने-आप को मजबूत बनाएँ 2.9 अपने कार्यों के प्रति दृढ़ रहें 2.10 सभी पेशे अच्छे होते हैं
तीसरा अध्यायः प्रतिदिन प्रेरित हों 3.1 दिवास्वप्न देखें 3.2 अपनी प्रवृत्तियों में बदलाव लाएँ 3.3 हर किसी की परवाह न करें 3.4 दूसरों की आलोचना से बचें 3.5 हर व्यक्ति और वस्तु बुरी नहीं है 3.6 हमेशा सकारात्मक सोचें 3.7 सफलता कम से कम संसाधन चाहती है 3.8 सफलता एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है 3.9 सफलता अचानक हाथ नहीं आती 3.10 प्रत्येक समस्या का समाधान होता है
चौथा अध्यायः अपना संसार स्वयं रचें 4.1 अपने ऊपर भरोसा बनाए रखें 4.2 आपके पास जो है, उसी में प्रसन्न रहें 4.3 वही करें, जो सही लगे 4.4 किसी का भरोसा मत तोड़ो 4.5 अपने व्यवहार के स्वामी बनें 4.6 आलोचना से न घबराएँ 4.7 समाधान का हिस्सा बनें 4.8 प्रगति का प्रतिदिन आकलन करें 4.9 अतीत को इतिहास के रूप में लें 4.10 अपने कर्मों पर दृढ़निश्चयी रहें
पांचवां अध्यायः मनोवृत्ति-सफलता का निर्णायक कारक 5.1 काम को अपने तरीके से करें 5.2 असफलता स्वभाविक है 5.3 गलतियाँ वरदान हैं 5.4 जहाँ भी हैं, स्वयं को सहज अनुभव करें 5.5 हमेशा जीतने की चाह बनाए रखें 5.6 आप इसे कर सकते हैं 5.7 संभावनाओं के द्वार खोलें 5.8 दृढ़ता बनाए रखें
पहला अध्यायः जुनून रखें बरकरार

एक आठ वर्षीय लड़का, एक वृद्ध के पास गया व उसकी आँखों में झाँकते हुए पूछा ‘‘मैं समझता हूँ कि आप एक बुद्धिमान व्यक्ति हैं। मैं आप से जीवन का रहस्य जानना चाहता हूँ, वृद्ध ने उस

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