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Description
Informations
Publié par | Diamond Books |
Date de parution | 06 novembre 2020 |
Nombre de lectures | 0 |
EAN13 | 9789389807714 |
Langue | English |
Informations légales : prix de location à la page 0,0118€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.
Extrait
सीक्रेट्स ऑफ सक्सेस
eISBN: 978-93-8980-771-4
© लेखकाधीन
प्रकाशक डायमंड पॉकेट बुक्स (प्रा.) लि.
X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
नई दिल्ली- 110020
फोन : 011-40712200
ई-मेल : ebooks@dpb.in
वेबसाइट : www.diamondbook.in
संस्करण : 2020
S ECRETS OF S UCCESS
By - Tarun Engineer
भूमिका
तरुण इन्जीनियर की यह पुस्तक उन लोगों के लिए है, जो तेजी से आगे बढ़ना चाहते हैं। यह बात मैं इसलिए कह सकता हूं, क्योंकि प्रबंधक का काम होता है उपलब्ध साधनों का सर्वोत्तम उपयोग करके बेहतर परिणाम देना और कमजोर कड़ी को मजबूत करते रहना।
कुछ ऐसा ही इस पुस्तक में बताया गया है, ताकि आप अपनी क्षमता और प्रतिभा का अधिक से अधिक उपयोग कर सकें। क्योंकि विश्व के जाने-माने उद्योगपति बिल गेट्स और धीरूभाई अम्बानी भी इस सीक्रेट को जानने के बाद ही सफल प्रबंधक बने हैं।
लेकिन आपके लिए यह जानना बहुत जरूरी है कि सफल प्रबंधक बनने के लिए सबसे ज्यादा महत्व विचार और व्यवहार का होता है। इसमें पढ़ाई बिल्कुल काम नहीं आती, सिर्फ सकारात्मक सोच काम आती है। फिर आश्चर्य जनक परिणाम मिलने लगते हैं।
इसलिए मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि यह पुस्तक आपको सफल प्रबंधक बनाने में पूर्ण रूप से सक्षम है। क्योंकि तरुण इन्जीनियर विश्व के उन जाने-माने लेखकों में से एक हैं, जिन्हें सरकारी तथा कॉरपोरेट सैक्टर की कम्पनियां नेतृत्व वक्ता, प्राशिक्षक कोच, बिजनेस विचारक और परामर्शदाता के रूप में अपने यहां आमंत्रित करती हैं और भारत के पहले लेखक हैं, जिन्हें देश के प्रिंट मीडिया ने 2008 में ‘बिजनेस गुरु’ की उपाधि से नवाजा था।
आजकल तरुण इन्जीनियर अपना बिजनेस चलाने के साथ-साथ मोटिवेशनल ट्रेनर के रूप में देश की सरकारी और गैर सरकारी कम्पनियों को बिजनेस बढ़ाने और नेतृत्व करने के गुर सिखा रहे हैं, जिनमें ‘टाटा ग्रुप’, ‘आई.जी.आई.एयरपोर्ट’, ‘भारत इलैक्टानिक्स लिमिटेड’, ‘मारुति उद्योग’, ‘कैलट्रॅान’, ‘सिमेंस’, ‘लेफार्ज इडिया’, ‘होंडासिल कार’ और ‘हिन्दुस्तान एरोनेटिक्स’ के नाम प्रमुख हैं।
लेकिन यह सच है कि प्रबंधन की हर जगह जरूरत होती है। आप यदि कॉलेज में पढ़ते हैं, तब आपको अपनी पढ़ाई का प्रबंधन करना होगा? यदि आप नौकरी करते हैं, तब आपको अपने काम का प्रबंधन करना होगा? यदि आप बिजनेस करते हैं, तब आपको अपने पैसे का प्रबंधन करना होगा? और यदि आप घर में रहते हैं, तब भी आपको अपने परिवार का प्रबंधन करना होगा? यानी सभी क्षेत्रों में प्रबंधन की जरूरत होती है।
इसलिए पुस्तक को पढ़ते समय अपने दिमाग को खुला रखें, क्योंकि ‘सीक्रेट ऑफ सक्सेस’ जानने के लिए सिर्फ 60 मिनट लगते हैं। आपको भी पुस्तक को पढ़ने में सिर्फ 60 मिनट लगेंगे।
-रॉबिन क्रेस्टो एजुकेशनल मोटीवेटर
तरुण इन्जीनियर और उनकी पुस्तकों के संदर्भ में मीडिया की राय:-
‘इक्कीसवी सदी के बिजनेस गुरु’ -स्टारडस्ट (फिल्मी मैग्जीन)
‘सबसे अधिक बिकने वाले लेखक’ -पंजाब केसरी
‘लोगों को बिजनेस करना सिखा दिया’ -हिंदुस्तान टाइम्स
‘युवापीढ़ी के आधुनिक मार्गदर्शक’ -स्टारवीक (फिल्मी मैग्जीन)
‘करोड़ों लोगों को अमीर बनने के गुरुमंत्र सिखाने वाले लेखक’ -नवभारत टाइम्स
‘सिर्फ 60 मिनट में सपने को साकार करने वाली अनोखी पुस्तक’ -सी.एन.एन. न्यूज
प्रस्तावना
मेरी पहली मोटिवेशनल पुस्तक ‘बड़ा सोचो! बड़ा बनो!’ प्रकाशित होने के बाद कुछ कम्पनियों के सीनियर मैनेजमेंट ने आग्रह किया कि भविष्य में आप ऐसी पुस्तक लिखें, जिससे युवा पीढ़ी का मार्गदर्शन हो और वे सफल प्रबंधक बन सकें।
क्योंकि आज की जनरेशन में भरपूर योग्यता है। वे व्यवहार कुशल भी हैं, लेकिन उसके बाद भी सफल प्रबंधक नहीं बन पाते।
तब मैंने उनसे सिर्फ इतना ही कहा था कि भविष्य में इस विषय पर विचार करूंगा। उसके बाद तीन साल बीत गए।
लेकिन जब मेरी दो पुस्तकें ‘क्या आप अमीर बनना चाहते हैं?’ और ‘बुलंद इरादों से सपने सच करें’ प्रकाशित हो गयीं, तब मैंने जाना कि युवा पीढ़ी के सफल प्रबंधक न बन पाने का सीक्रेट है मोटिवेशन की कमी।
क्योंकि दुनिया में अब तक जितने भी लोग सफल हुए हैं, वे बहुत जल्दी मोटिवेट हुए हैं, जिसकी वजह से वे विचारों में छिपी सफलता को पहचान लेते हैं। इसलिए मैंने उनके विचारों को पुस्तक का मूल विषय बनाया और लिख दी एक नयी पुस्तक:-
‘सीक्रेट्स ऑफ सक्सेस’
लेकिन खरीदने से पहले यह निश्चित अवश्य कर लें कि आप किस उद्देश्य के लिए इस पुस्तक को पढ़ना चाहते हैं? कॅरियर निखारने के लिए या बिजनेस बढ़ाने के लिए? भविष्य संवारने के लिए या उद्योग लगाने के लिए?
जब आप इस बात का निर्णय कर लेंगे, तब ये विचार बड़े चमत्कार करने शुरू कर देंगे। पहले सोच के स्तर में परिवर्तन होंगे, फिर आपका ध्यान पूरी तरह से सफलता पर केंद्रित हो जाएगा। क्योंकि इस पुस्तक का लक्ष्य है आपको ऐसे सिद्धांत बताना, जो आपको सफल प्रबंधक बनाने में सहायक हों।
आप भी चमत्कार कर सकते हैं: विचारों में ऊर्जा होती है, विचारों में शक्ति होती है। इसलिए पुस्तक में लिखे विचार आपको प्रेरित करेंगे, कुछ नया करने के लिए। कभी न हार मानने के लिए। समस्याओं को सुलझाने के लिए।
खुद पर यकीन करने के लिए। आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए। नेतृत्व करने के लिए। शिखर पर पहुंचने के लिए। फिर आप चमत्कार कर सकते हैं। क्योंकि किसी शायर ने कहा है:-
अच्छे विचारों से, जीवन सफल हो जाता है। जब चलता है इनका जादू, तब चमत्कार हो जाता है।।
महत्वपूर्ण सहयोगियों के प्रति मेरा आभार: जब मैं कोई पुस्तक लिखता हूं, तब मुझे पूरी टीम की जरूरत पड़ती है। क्योंकि पुस्तक लिखना ठीक वैसा ही है, जैसाकि एक फैक्ट्री चलाना। इसलिए मैं सबसे पहले टीम के मुख्य सदस्य अतुल शर्मा, कुलदीप कुमार तिवारी, विकास शर्मा, नवीन पाण्डेय और भूपेन्द्र सिंह का आभार प्रकट करना चाहता हूं, जिनके सहयोग से यह पुस्तक पूरी हो सकी।
लेकिन मैं उन सब कार्पोरेट और सरकारी कम्पनियों के प्रबंधकों का भी शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, जो नेतृत्व-वक्ता, प्रशिक्षक कोच और परामर्शदाता के रूप में मुझे अपने संगठनों में आमंत्रित करते हैं।
धन्यवाद पार्क के दोस्तों का: सर्वोत्तम लेखन की खोज में मेरे पार्क के दोस्त चौधरी डालचंद (पूर्व डायरेक्टर, पोस्ट आफिस सेविंग), मुकेश जैन (होटल मालिक), बी.के. शर्मा (पूर्व असिस्टैंट डायरेक्टर आफ एजुकेशन: गवर्नमैट ऑफ एन.सी.टी. दिल्ली), नरेश चंद्र जैन (उद्योगपति), रमेश कुमार गुप्ता (बिजनेसमैन), धर्म प्रकाश गर्ग (कागज व्यापारी), लाल चंद्र जैन (बर्तन व्यापारी), राजेश कुमार गुप्ता (सी.ए.), और सुरेश कुमार जैन (उद्योगपति) बराबर के सहयोगी हैं, जो मेरे अंदर हर दिन कुछ नया लिखने की ललक और उत्साह पैदा करते रहते हैं। इसलिए मैं इनका भी धन्यवाद प्रकट करना चाहता हूं।
उनका भी जिन्होंने मेरी जिंदगी में खुशियां भर दीं: विश्वभर में फैले मेरे एजेंट भी कम प्रशंसा के पात्र नहीं हैं, जो मेरे सपनों को यथार्थ में बदलने के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहते हैं और समय-समय पर अपना बहुमूल्य सहयोग देते हैं।
आभारी हूं प्रिंट मीडिया का: मेरे संदेश को फैलाने तथा प्रिंट मीडिया में मेरे जीवन के बारे में छापने के लिए मैं स्टारडस्ट (फिल्मी पत्रिका), आह! जिंदगी (सामाजिक पत्रिका), स्टारवीक (फिल्मी पत्रिका), लक्ष्य (करियर पत्रिका), पंजाब केसरी, नवभारत टाइम्स, हिन्दुस्तान टाइम्स के पत्रकारों का भी धन्यवाद अदा करना चाहता हूं, जिन्होंने मेरा परिचय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कराया और मुझे पूरी दुनिया के सामने ‘बिजनेस गुरु’ की उपाधि से सम्मानित किया।
इस पुस्तक को लिखने का श्रेय: मैं अपनी सर्वगुण सम्पन्न पत्नी प्रीति रस्तौगी को देना चाहता हूं, जो निस्वार्थ प्रेम, रचनात्मकता और नए-नए विचारों से मेरी लेखनी को उत्कृष्ट बनाने के लिए हर समय प्रयत्न करती रहती हैं।
‒तरुण इन्जीनियर
आप अपने हर काम का प्रबंधन कर सकते हैं?
जिंदगी में कुछ भी बेकार नहीं होता, क्योंकि आप अपने कारनामों से मिट्टी को सोने में बदल सकते हैं। बस जरूरत होती है सफल प्रबंधन की। लेकिन जिसको प्रबंधन करना नहीं आता, वह सोने को भी मिट्टी में मिला देता है।
यही वजह है कि जिन स्वरों को आप शोर कहते हैं, संगीतकार उन स्वरों से मधुर संगीत बना देता है। क्योंकि वह स्वरों का प्रबंधन करना जानता है।
ठीक वैसे ही बिखरे हुए रंग आपको कीचड़ की तरह लग सकते हैं? लेकिन चित्रकार उन्हीं रंगों से गजब की पेंटिग बना देता है। यानी किसे कैसे जमाना या उपयोग करना है? उसी का नाम प्रबंधन है।
इसलिए यह पुस्तक उन सबके लिए है, जो अपने व्यापार का प्रबंधन करना चाहते हैं। यह पुस्तक उन सबके लिए है, जो अपने परिवार का प्रबंधन करना चाहते हैं। यह पुस्तक उन सबके लिए है, जो अपने उद्योग का प्रबंधन करना चाहते हैं। यह पुस्तक उन सबके लिए है, जो अपने भविष्य का प्रबंधन करना चाहते हैं।
क्योंकि पुस्तक आपके अंदर छिपे हीरो को तराशेगी और आपको सफल प्रबंधक बनाएगी। फिर आपका लोभ दान में बदल जाएगा? क्रोध दया में परिवर्तित हो जाएगा। शत्रु दोस्त बन जाएगा और वासना दौलत में बदल जाएगी।
इसलिए पुस्तक का हर अध्याय ध्यान से पढ़ें, क्योंकि ‘लगे रहो मुन्ना भाई’ और ‘थ्री इडियट्स’ जैसी सुपरहिट फिल्मों के लेखक अभिजात जोशी का मानना है कि सकारात्मक विचारों में सफलता के सीक्रेट छिपे होते हैं।
जो देखने में छोटे होते हैं, परन्तु चमत्कार बड़ा करते हैं। इस पुस्तक में भी कुछ ऐसे ही सीक्रेट दिए गए हैं, जो आपको सफल प्रबंधक बनाएंगे।
क्यों पढ़ना जरूरी है इस पुस्तक को?
कभी आपने सोचा है कि सफल लोग अधिक सफल क्यों होते हैं? क्योंकि वे ‘सीक्रेट ऑफ सक्सेस’ जानते हैं, इसलिए वे सफल होते हैं। जबकि दूसरे लोग असफल हो जाते हैं। फिर उनकी स्थिति उस मकड़ी के समान हो जाती है, जो हवा के एक तेज झोंके से नीचे गिर पड़ती है।
इसलिए आपको भी ‘सीक्रेट ऑफ सक्सेस’ जानने होंगे। क्योंकि मंत्री से संत्री तक को इन सीक्रेटस को सीखने की जरूरत होती है, तभी वे अपने क्षेत्र में सफल होते हैं।
कुछ साल पहले मैंने एक पुस्तक पढ़ी थी, ‘व्हाय बैड थिंग्स टु गुड पीपल’ , जिसका अर्थ है कि अच्छे लोगों के साथ बुरा क्यों होता है? फिर उस पुस्तक में बताया गया था कि बुरा इसलिए होता है, क्योंकि वे ‘सीक्रेट ऑफ सक्सेस’ नहीं जानते? और जो जानते हैं, वे हर परिस्थिति में सफल हो जाते हैं।
एक पुरानी कहानी है, एक युवक काम की तलाश में पटियाला से न्यूयॉर्क पहुंचा। जबकि वह अपने शहर में भी अच्छा काम कर रहा था, लेकिन वहां तरक्की की गुंजाइश कम थी। इसलिए न्यूयॉर्क पहुंचकर उसने एक डिपार्टमैंटल स्टोर के मैनेजर से संपर्क किया।
मैनेजर ने कहा, “सेल्समैन की जगह तो खाली है, परन्तु तुम्हें इस काम का कितना अनुभव है?”
युवक ने जवाब दिया, “मैं अपने शहर पटियाला में अच्छा सेल्समैन समझा जाता हूं।”
मैनेजर बोला, “वह तो एक दिन के ट्रायल में ही पता चल जाएगा। फिर तय होगा कि तुम यहां काम करने के काबिल हो या नहीं?”
उस युवक को मौका मिल गया, फिर रात को दुकान का शटर गिरने के बाद मैनेजर ने युवक से पूछा, “तुमने आज कितने ग्राहकों को निपटाया?”
युवक ने जवाब दिया, “एक!”
मैनेजर आश्चर्य व्यक्त करते हुए बोला, “सिर्फ एक! लेकिन हमारा एक सेल्समैन लगभग दिनभर में 20-30 ग्राहकों को कुछ न कुछ बेच देता है, तुमने सिर्फ एक ग्राहक को निपटाया। आखिर कितने डॉलर का सामान बेचा?”
युवक ने कहा, “अस्सी हजार डॉलर का।”
बड़ी रकम सुनकर मैनेजर को आश्चर्य हुआ। उसने कहा, “ऐसा क्या बेच दिया तुमने उसे?”
युवक ने जवाब दिया, “पहले मैंने उसे मछली पकड़ने का काटा बेचा। उसके बाद मैंने उसे मछली मारने की पूरी किट बेची। फिर मैंने उस ग्राहक से पूछा कि वह मछलियां पकड़ने कहां जाएगा? जब उसने ब्लैंडी नदी का नाम लिया, तो मैंने उसे सुझाव दिया कि तुम एक मोटरबोट भी खरीद लो।
मोटरबोट लेने के बाद उसे ख्याल आया कि उसकी पुरानी जीप, बोट को ढोकर नदी तक नहीं ले जा पाएगी? तब उसने नई जीप के बारे में पूछा। मैं उसे ऑटोमोटिव डिपार्टमेंट में ले गया और उसने फिर जीप और