Positive Thinking in Hindi
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Description

Shri Joginder Singh, IPS (Retd.), former Director of CBI, is a living testimony as to how an ordinary person can rise to pinnacles of glory by sheer hard work and motivations. His life is a sage of success which can be enunciated as a role model for any aspiring youngster. This magnum opus by Sh. Joginder Singh is a treatise on self-improvement. This win'win story in based on secrets of success as to how to become an achiever. And the success mantra that he espouses for you: Make the best of all opportunities; dream big and work hard-dreams will turn sheer realities. You only need to hone your skill and attitude to become a winner. Remember that success is always a choice. You can choose to be successful by putting the required labour and sacrifices. Today is what matters most. On Positive Thinking In Hindi, what you expect can happen only if you are focussed'motivation is the bottom line of success.

Informations

Publié par
Date de parution 19 juin 2020
Nombre de lectures 0
EAN13 9789389807233
Langue English

Informations légales : prix de location à la page 0,0156€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.

Extrait

पॉजिटिव थिंकिंग ही सफलता का सूत्र
 

 
eISBN: 978-93-8980-723-3
© लेखकाधीन
प्रकाशक फ्यूजन बुक्स
X-30 ओखला इंडस्ट्रियल एरिया, फेज-II
नई दिल्ली- 110020
फोन : 011-40712200
ई-मेल : ebooks@dpb.in
वेबसाइट : www.diamondbook.in
संस्करण : 2019
P OSITIVE T HINKING
By - Joginder Singh
भूमिका
सो चें, योजना बनाएँ, काम में जुट जाएँ और बस पा लें। यही सफलता का राज है। अगर आप विश्वास रखते हैं कि आप अच्छे हो सकते हैं और अच्छे हैं तो आप अच्छे ही होंगे। हममें से प्रत्येक के पास हर सुबह खुशियों व उम्मीदों का पैगाम आता है। हमारा अपने जीवन पर पूरा वश है। यह हमें ही तय करना है कि अपने जीवन में कितनी श्रेष्ठता का प्रदर्शन कर सकते हैं। यदि आप सच्चे मन से अच्छा बनना चाहते हैं तो स्वयं से संकल्प लें।
आपको दिन-प्रतिदिन किए जाने वाले कामों के बारे में पता होना चाहिए ताकि दीर्घकालीन उद्देश्यों व लंबे समय तक किए जाने वाले कामों पर भी ध्यान दे सकें। आपको अपना व अपनी संस्था का भविष्य बनाना हो तो वर्तमान पर केंद्रित हो जाएँ। आज आप जो भी करते हैं, उसका आपके कल से गहरा नाता है। आपको अपने काम व जीवन के लिए कुछ मूल्य, नैतिकता, संकल्प व मिशन लेकर आगे बढ़ना होगा।
कोई भी व्यक्ति अकेला कुछ नहीं कर सकता। हम चाहे कहीं भी क्यों न हों, एक-दूसरे पर निर्भर करते हैं। आपका अपना प्रदर्शन व सफलता भी उस संस्था से संबंध रखते हैं, जिसके लिए आप काम करते हैं या जिसके आप मालिक हैं। जीवन और व्यवसाय की सबसे बड़ी योग्यता यही है कि आप दूसरों से मनचाहा काम करवा सकें, उन्हें प्रभावित कर सकें। केवल एक ही बार सफल होना आवश्यक नहीं होता। आपको बार-बार जीतने की और चारों ओर बड़ी घटनाओं से घिरे रहने की आदत डालनी होगी।
आपको भूलना नहीं चाहिए कि किसी भी काम में चाहे टीम के नेता, कर्मचारी या नियोक्ता के रूप में, लोग आपके लिए बहुत कीमत रखते हैं। अपने कार्यक्षेत्र को काम करने का उपयुक्त स्थान बनाएँ। दूसरों से वैर पालना, चुगलखोरी करना, अपर्याप्त संप्रेषण व अपशब्द कहना आदि बुरे प्रबंधन के लक्षण हैं जो आपकी बनी-बनाई छवि बिगाड़ सकते हैं। प्रत्येक व्यक्ति के पास सफलता तक जाने के लिए अपना ही तरीका होता है, हो सकता है कि राह में कई मुश्किलें व बाधाएँ आएँ लेकिन केवल वही टीम जीत पाती है जिसके सभी सदस्य कुशल खिलाड़ी होते हैं। बस छोटी सी बात है, सही स्थान पर सही लोगों से काम करवाएँ। दूसरों का नेतृत्व करने के लिए आपको पूरी लगन और मेहनत से काम करना होगा।
सफलता का एक खास चरण है, दूसरों में उत्साह व आत्मविश्वास का भाव जगाना व स्वयं भी इसे महसूस करना। आत्मविश्वास लोगों में नया साहस व बल पैदा कर, उन्हें कुछ करने की प्रेरणा देता है। वे कुछ ऐसा कर गुजरने की ठान लेते हैं जो तकरीबन नामुमकिन होता है। इसके लिए उन्हें पुरस्कृत करें व पीठ थपथपाएँ।
जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ व संघर्ष क्यों न आएँ, एक सकारात्मक पहुँच बनाए रखें। इस पुस्तक में कुछ ऐसे ही मुद्दों पर ध्यान दिया गया है तथा उपाय सुझाए गए हैं, जो आपके लिए फायदेमंद हो सकते हैं। यूँ तो जीवन में सफल होने के कई तरीके हो सकते हैं लेकिन केंद्रित हुए बिना, मेहनत किए बिना व दृढ़-संकल्प के बिना तो इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती।
पुस्तक पढ़ें और मुझे इसके बारे में अपने सुझाव भेजें। आपके सुझावों का स्वागत रहेगा...
जोगिंदर सिंह (आई.पी.एस.) (सेवानिवृत्त) (सी.बी.आई. के पूर्व निदेशक)
विषय सूची समय व लक्ष्य की परख उर्वर मस्तिष्क भविष्य की कल्पना स्वास्थ्य से जुड़े नियम नए भविष्य की ओर सफलता पर केंद्रित रहें क्या कुछ भूल गए आप? काम बाँटने की कला कुछ अलग कर दिखाएँ छोटे कदम, बड़े सपने व्यक्तित्व कैसे निखारें? सफलता का पैमाना प्रेरणादायक विचार मनुष्य की आविष्कार यात्रा उपलब्धियाँ व प्रशंसाएँ आगे बढ़ने के कुछ नियम व्यवहार में दृढ़ता कैसे लाएँ? पहल करें उद्देश्यपरक बनें सफलता व प्रसन्नता सबसे अलग बनें जीवन व विचारों पर नियंत्रण श्रेष्ठता की पहल जीवन के छोटे सुख सफलता का फार्मूला सफल लोगों के लक्षण विजेता बनें नए जीवन का शुभारंभ उद्देश्यपरक मीटिंग सफलता का रहस्य एक गहरी सीख व्यवस्थित रहने का आनंद सही राह पर चलें वर्तमान में जीएँ व्यवसाय में सफलता का रहस्य कुछ कहें एक नया अध्याय प्रेरणा का विषय जीवन की सादगी कार्य कुशलता नैतिकता का व्यवसाय या व्यवसाय की नैतिकता उद्देश्यों पर ध्यान दें रोजमर्रा का जीवन आत्म-सम्मान समय शुरू होता है! समय अमूल्य धन है एक नई पहुँच तथ्य की ओर स्वयं को पहचानें व्यवस्था क्या है? कुछ रचनात्मक सोचें सफल लोगों की वेशभूषा यह संभव है तनाव मुक्ति के उपाय प्रसन्नता क्या है? बड़े सपनों का सच प्रसन्न कैसे रहें? एक टुकड़ा जिंदगी सही सोच और सही जीवन हल तलाशें दृढ़ व्यवहार प्रसन्नता का राज उखड़े मूड़ पर काबू पाएँ सही फैसला सकारात्मक बनें एक नया जीवन
1
समय व लक्ष्य की परख
अ गर हम जीवन से जरूरत से ज्यादा पाना चाहते हैं तो हमें अपने समय के बारे में थोड़ा सजग और सावधान होना होगा। हमें यह भी पता लगाना होगा कि जो काम हम कर रहे हैं, क्या उससे हमारे जीवन का मूल्य बढ़ता है या हमारी ऊर्जा ही नष्ट होती है? काम करते समय हम जो गतिविधियाँ अपनाते हैं, वे भी हमारे लिए काफी मायने रखती हैं। हम सावधान रहें कि हम अपना खाली समय कैसे बिताते हैं। किस तरह के लोगों के साथ समय बिताते हैं, सामाजिक या व्यावसायिक कार्यक्रमों में कैसी बातें करते हैं या कैसी मीटिंगों में भाग लेते हैं।
हमें अपनी तकनीकों के प्रवाह को लगातार चलाए रखने के तरीके निकालने होंगे ताकि अनुत्पादक गतिविधियों, नकारात्मक बातचीत व बाधाओं पर रोक लग सके। पूरी सजगता से अपने समय का मूल्यांकन करके हम अपने अनुत्पादक गतिविधियों पर काबू पा सकते हैं। इसके बदले में हम ऐसे काम कर सकते हैं, जिससे हमें आनंद मिलता है या निजी तथा व्यावसायिक रूप से विकास होता है।
सबसे खास बात तो यह है कि हम दूसरों को अपने समय पर शासन करने दें और अपनी जीवन दिशा स्वयं तय करें। बस इसी तरह हम निजी संतुष्टि व उपलब्धियों को बड़ी ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं। मिसाल के तौरपर, मैं पिछले सप्ताह एक पंचतारा होटल में डिनर के लिए गया, इसकी मेजबानी एक निजी एयरलाइन कर रही थी। पूरी पार्टी में केवल पूर्व होम सैकेट्री ही मेरे जानकार थे। वे भी मेरी जैसी अवस्था में थे इसलिए हम दोनों साथ हो लिए और पार्टी में पैंतालीस मिनट तक साथ रहे। अनजाने चेहरों के बीच समय बिताना बड़ा मुश्किल हो जाता है। आपको चेहरे पर एक बनावटी मुस्कान लानी पड़ती है जिनसे जबड़े दुखने लगते हैं।
पैंतालीस मिनट बाद मैं माफी माँग कर उठ गया और डिनर के लिए नहीं रुका। डिनर के लिए रुकने का मतलब था दो घंटे का लंबा इंतजार। वास्तव में, मैं सबसे देर से पहुँचा था और सबसे पहले वापिस जा रहा था। इस तरह मुझे रात को सोने से एक घंटा पहले किताब पढ़ने का अवसर मिल गया। मैं जो भी कहता हूँ या करना चाहता हूँ, उससे पहले अंदाजा लगा लेता हूँ कि क्या मैं अपनी ऊर्जा, कुशलता व समय का बेहतर सदुपयोग कर सकता हूँ। यदि कोई काम इस पैमाने पर खरा नहीं उतरता तो मैं उसे नहीं करता या किसी दूसरे उपयोगी काम के साथ जोड़ लेता हूँ। अपने व संस्था के उद्देश्य पाने के लिए आवश्यक है कि आप कुछ खास कामों पर केंद्रित रहें।
आप जो भी करें, आपके लक्ष्य की ओर ले जाने वाला होना चाहिए। मुझे मान लेना चाहिए कि पहले मैं ऐसे जाने-माने लोगों से मेल-जोल में काफी समय गंवाता था। जीवन में मुझे उन लोगों से दोबारा मिलने का अवसर तक नहीं मिला।
अपनी मंजिल तक पहुँचने के लिए आपको मंजिल और रास्ते का पता होना जरूरी है। आपकी नीतियाँ ऐसी हों जो आपको लक्ष्यों तक ले जाने में सहायक हो सकें। यदि आपकी कोई टीम है तो उसके सदस्यों को भी उत्पादक गतिविधियों में समय बिताना चाहिए। समय-समय पर अपनी कार्यक्षमता की जांच करते रहना चाहिए। कर्नाटक राज्य के बादर जिले के पुलिस चीफ या जिला सुपरिटेंडेंट के रूप में मैंने समय-समय पर अपने लिए काम करने वाले पुलिस अधिकारियों के ‘अपराध नियंत्रण प्रदर्शन’ के अभ्यास के मूल्यांकन का नियम बना रखा था। मैं प्रतिमाह एक सभा में उनके काम की जांच करता था। सी.बी.आई. डायरेक्टर में रूप में भी मैंने अपना यही अभ्यास जारी रखा। इससे मुझे पता चल जाता था कि संस्था में क्या चल रहा है और प्रत्येक व्यक्ति अपने काम व जिम्मेदारी के प्रति सजग है या नहीं?
आज जो भी पाने की इच्छा रखते हों, निजी क्षमता की जांच भी महत्त्व रखती है। उद्देश्य प्राप्ति के लिए आपको अपनी दिनचर्या में फील गुड फैक्टर होना चाहिए यानी आपका हर दिन अच्छा व सार्थक होना चाहिए। समय-समय पर इसकी भी जांच करते रहें।
यदि अब भी आप अपनी इच्छा पूरी करने के लिए संघर्षरत हैं तो आपको अपने आपसे पूछना चाहिए कि क्या आपको अतिरिक्त जानकारी की जरूरत है, क्या आपके पास वांछित कौशल नहीं है या आपको अपनी समस्या को अलग नजरिए से देखना होगा? संघर्ष से उबरें और रुकावटों की असली वजह पता लगाएँ ताकि आप भी आगे बढ़ सकें। जो भी लक्ष्य पाने के लिए जरूरी न हो, उससे छुटकारा पा लें, जो काम दूसरों को बाँटे जा सकते हैं उन्हें कुशलतापूर्वक बाँट दें और उसके जिम्मेवारी से जुड़े रहें। केवल उन्हीं बातों पर स्वयं को केंद्रित करें जो केवल आप कर सकते हैं या जो आपके निजी या व्यावसायिक विकास में सहायक हों।
गलत बातों पर समय बिताने का अर्थ होगा कि आप उतना ही समय सही बातों पर लगाएँ ताकि मनचाहे नतीजे पा सकें। याद रखने के लिए आप खोए हुए समय को दोबारा नहीं पा सकते। आपको अपने समय का पूरा इस्तेमाल करना सीखना होगा।
कोई भी प्रत्येक क्षेत्र का विशेषज्ञ नहीं हो सकता। हर चीज में सिद्धहस्त होना कठिन है। इस तरह आप किसी भी काम में पूरा हुनर नहीं पा सकते। अपने समय का पूरा उपयोग करें। काम बाँटने की कला भी अच्छी नेतृत्व क्षमता व निजी क्षमता पर निर्भर करती है। काम सौंप देने के बाद उनपर नजर रखें, लेकिन हर समय की टोकाटाकी से दोनों पक्षों का ही समय नष्ट होता है।
अपने काम में श्रेष्ठता पाने के लिए आपको वर्तमान पर ही केंद्रित करना सीखना होगा। वर्तमान ही तो वास्तविकता है। यहीं आप पहचान सकते हैं कि क्या आप अपने समय का पूरा उपयोग कर पा रहे हैं? कल, परसों या अगले महीने क्या होगा, ऐसा विचार करने का अर्थ है, भविष्य की चिंता करना। याद रखें कि चिंता कभी आपका भला नहीं करती, यह आपके लिए तनाव की वजह बन जाती है।
यह आपको वर्तमान से हटाकर धुंधले भविष्य की ओर ले जाती है। इस तरह न तो भविष्य हाथ आता है और न वर्तमान। चिंता से बचने का एकमात्र तरीका है ‘व्यस्त रहें’। इस तरह चिंता के लिए समय ही नहीं मिलता। किसी भी क्षेत्र में योग्यता पाना चाहते हो तो आपको समय पर काबू करके वर्तमान में जीना होगा। यह हम पर ही निर्भर करता है कि हम समय को कैसे बिताते हैं या कैसे इसका निवेश करते हैं?
लेकिन आप क्या करना चाहते हैं, इसके बारे में स्पष्टत: पता न होने पर आप अपने लक्ष्यों व उपलक्ष्यों को भूल सकते हैं। मैंने महसूस किया है कि जिन बातों को मैं लिख नहीं पाता, वे या तो भूल जाती हैं या नजरअंदाज हो जाती हैं। मेरी पत्नी ने मुझे पिछले सप्ताह कहा कि वह एक नई टेलीफोन डायरी शुरू करना चाहती है। मैंने कहा कि मैं बाजार से ला दूँगा। मैंने उसे लिस्ट में यह सोचकर शामिल नहीं किया कि मुझे याद रहेगा। मैंने एक स्टेशनरी की दुकान से एक फैक्स मशीन के लिए फैक्स रोल खरीदा लेकिन मुझे डायरी खरीदना याद नहीं रहा। व्यावसायिक योजना की तरह रोजमर्रा के कामों की लिस्ट बनाना भी मायने रखता है। यह समय की बरबादी नहीं है। इससे काफी समय बचता है। जब आप इन बातों को कागज पर लिख देते हैं तो दूसरे जरूरी कामों के लिए दिमाग में काफी जगह बच जाती है। इस तरह आप जो भी करना चाहें, करना आसान हो जाता है फिर चाहे वह कोई भी निजी काम हो अथवा व्यावसायिक।
मैंने यह भी देखा कि यदि आप कुछ करने का फैसला कर लें तो काम करने के सहायक लोग, तरीके व साधन अपने-आप ही सामने आ जाते हैं और आपको

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