IMPROVE YOUR MEMORY POWER (Hindi)
142 pages
Hindi

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IMPROVE YOUR MEMORY POWER (Hindi) , livre ebook

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Description

Iss pratiyogi duniya mein keval kadhi mehnat karne se kaamyaabi nahi milti. Kaamyaabi paane ke liye aapko tarah-tarah ki taknikiyon ka prayog karna padhta hai. Prastut pustak mein iss disha mein sarhaniye prayas kiye gaye hain. Iski madad se aap na keval apni smaran shakti badha sakte, balki pariksha mein acche ankh bhi prapt kar sakte hain. Iske apeksha prastut pustak mein smaran shakti badhane ke liye manovagyanik dhang se 30 dino ke ek pathyakram ki taknik prastut ki gayi hai, jiske anusaar anusaran karke vyakti apni smaran-shakti ko maatra 30 dino mein hi viksit kar sakta hai aur pariksha ityaadi mein acche ankh prapt kar ek medhvi vyakti ban sakta hai.


Informations

Publié par
Date de parution 01 juin 2015
Nombre de lectures 1
EAN13 9789350573600
Langue Hindi
Poids de l'ouvrage 1 Mo

Informations légales : prix de location à la page 0,0500€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.

Extrait

अति तीव्र गति से स्मरण-शक्ति बढ़ाने के तरीक़े

इम्प्रूव योर
मेमोरी पॉवर
IMPROVE YOUR MEMORY POWER
मात्र 30 दिनों में स्मरण-शक्ति बढ़ाने वाला बेहद प्रभावशाली व सरल कोर्स


अरुण सागर ‘आनन्द’



प्रकाशक

F-2/16, अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली-110002
23240026, 23240027 • फैक्स: 011-23240028
E-mail: info@vspublishers.com • Website: www.vspublishers.com

क्षेत्रीय कार्यालयः हैदराबाद
5-1-707/1, ब्रिज भवन (सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया लेन के पास)
बैंक स्ट्रीट, कोटी हैदराबाद-500 095
040-24737290
E-mail: vspublishershyd@gmail.com

शाखा: मुम्बई
जयवंत इंडस्ट्रियल इस्टेट, 1st फ्लोर, 108-तारदेव रोड
अपोजिट सोबो सेन्ट्रल मुम्बई 400034
022-23510736
E-mail: vspublishersmum@gmail.com

फ़ॉलो करें:
© कॉपीराइट:
ISBN 978-93-505736-0-0

डिस्क्लिमर
इस पुस्तक में सटीक समय पर जानकारी उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया गया है। पुस्तक में संभावित त्रुटियों के लिए लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होंगे। पुस्तक में प्रदान की गई पाठ्य सामग्रियों की व्यापकता या संपूर्णता के लिए लेखक या प्रकाशक किसी प्रकार की वारंटी नहीं देते हैं।
पुस्तक में प्रदान की गई सभी सामग्रियों को व्यावसायिक मार्गदर्शन के तहत सरल बनाया गया है। किसी भी प्रकार के उदाहरण या अतिरिक्त जानकारी के स्रोतों के रूप में किसी संगठन या वेबसाइट के उल्लेखों का लेखक प्रकाशक समर्थन नहीं करता है। यह भी संभव है कि पुस्तक के प्रकाशन के दौरान उद्धत वेबसाइट हटा दी गई हो।
इस पुस्तक में उल्लीखित विशेषज्ञ की राय का उपयोग करने का परिणाम लेखक और प्रकाशक के नियंत्रण से हटाकर पाठक की परिस्थितियों और कारकों पर पूरी तरह निर्भर करेगा।
पुस्तक में दिए गए विचारों को आजमाने से पूर्व किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है। पाठक पुस्तक को पढ़ने से उत्पन्न कारकों के लिए पाठक स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार समझा जाएगा।
मुद्रकः परम ऑफसेटर्स, ओखला, नयी दिल्ली-110020
प्रकाशकीय
प्रबद्ध पाठकगण! प्रस्तुत पुस्तक ‘अपनी स्मरण-शक्ति बढ़़ायें’ को आपके समक्ष रखते हुए हमें बेहद हर्ष हो रहा है, वर्तमान में बाजारों में ‘मस्तिष्क’ की क्षमता बढ़ाया, मेमोरी पावर को विकसित करने के लिए अनेक पुस्तके मिलती हैं, जिनमें बढ़-चढ़कर अनेक दावे, वायदे किये गये रहते हैं, किन्तु इम्प्रूव योर मेमोरी पॉवर की यह पुस्तक विशेष रूप से आम पाठकों के लिए उपयोगी है।
इसी कड़ी में विद्यार्थियों व सामान्य पाठकों की याददास्त को विकसित करके उनकी मेमोरी पावर को बढ़ाने के लिए मनोवैज्ञानिक विधि से विज्ञान सम्मत तरीके बताने के लिए यह पुस्तक ‘इम्प्रूव योर मे मोरी पॉवर’ आपके समक्ष प्रस्तुत है।
इस पुस्तक में स्मरण-शक्ति बढ़ाने की जितनी भी तकनीकें बतायी गयी हैं, वे पूर्ण रूप से मनोवैज्ञानिक हैं। इसमें लेखक द्वारा कहीं भी कपोल कल्पना का सहारा नहीं लिया गया है।
इस पुस्तक में विद्यार्थियों एवं सामान्य पाठकों की स्मरण-शक्ति बढ़ाने के अनेक, वैज्ञानिक तथा यौगिक क्रियाएँ दी गयी हैं, जिन्हें अपनाकर वे अपनी मानसिक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। ये उपाय विशेषज्ञों द्वारा आजमाये हुए, परीक्षित तथ्य हैं। इनमें कोई काल्पनिक उड़ान नहीं है, अपितु वास्तविकता का स्पर्श है।
इस पुस्तक की यह विशेषता है कि इसके तीस पाठों में तीस दिन में त्वरित गति से स्मरण-शक्ति बढ़ाने के तरीके दिये गये हैं। विद्यार्थी/पाठक प्रत्येक दिन पाठ में बताये गये कार्यक्रम के अनुसार अध्ययन करेगा, तो तीसवें दिन निश्चय ही उसकी स्मरण-शक्ति बढ़ जायेगी और वह अपनी जीवन परीक्षा के प्रत्येक पड़ाव पर सफ़ल होगा।
इस पुस्तक की विशेषता यही है कि इसे पाठकों के साथ-साथ विद्यार्थियों के लिए भी लिखा गया है।
अकसर ऐसा होता है कि कुशाग्र-से-कुशाग्र बुद्धि वाला छात्र भी परीक्षा में अव्वल नहीं आ पाता, क्योंकि वह अध्ययन करने के तौर-तरीक़ों को नहीं समझता। इस पुस्तक में न केवल सफ़ल अध्ययन के बारे में विस्तार से बताया गया है, बल्कि इस बात की भी चर्चा की गयी है कि परीक्षा के अन्तिम दिनों में विद्यार्थियों को किस तरह से अपनी परीक्षाओं की तैयारियाँ करनी चाहिए और अव्वल कैसे आना चाहिए।
आशा है, यह पुस्तक विद्यार्थियों/पाठकों का मनोरंजन तो करेगी ही उनकी मानसिक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होगी। प्रत्येक विद्यार्थी/ पाठक के लिए उपयोगी अत्यन्त महत्त्वपूर्ण और उत्कृष्ट पुस्तक है यह-
‘इम् प्रूव योर मेमोरी पॉवर’।
-प्रकाशक

प्रस्तावना
प्रिय पाठकों!
यह पुस्तक मैंने विशेषतः आपके लिए लिखी है।
आप यह ज़रूर जानना चाहेंगे कि मैंने यह पुस्तक आपके लिए क्यों और किस वजह से लिखी?
आजकल बाज़ार में स्मरण-शक्ति बढ़ाने वाली पुस्तकों का अम्बार लगा हुआ है और लगभग सभी में एक ही बात घुमा-फि़रा कर लिखी हुई है। मेरी बरसों से ख़्वाहिश थी कि मैं मेमोरी पॉवर पर एक ऐसी पुस्तक लिखूँ, जिसका फ़ायदा विद्यार्थियों के साथ-साथ एक आम पाठक भी उठा सके।
इसलिए मैंने इस पुस्तक को सरल व बोलचाल की भाषा में लिखा है। मुझे यक़ीन है कि अगर आप इस पुस्तक में बतायी गयी तकनीकों पर अमल करेंगे, तो आप अपनी स्मरण-शक्ति को दोगुनी-तिगुनी नहीं, बल्कि चौगुनी विकसित कर सकते हैं।
लेकिन इसके लिए आपको अपने मस्तिष्क पर विश्वास करना होगा। यदि आपको अपने मस्तिष्क पर पूरा भरोसा है, तो दुनिया की कोई भी ताक़त आपको असफ़लता की ओर नहीं ले जा सकती। आपको बस ज़रूरत है, अपने विश्वास को सकारात्मक (Positive) बनाने की। आप यक़ीन कीजिए, इस सकारात्मक (Negetive) विश्वास के सहारे आप कठिन-से-कठिन कार्य आसानी से करके अपने जीवन की ऊँचाइयों तक पहुँच सकते हैं। जबकि नकारात्मक विश्वास आपको केवल असफ़लता की ओर ले जाता है। नकारात्मक विचार सफ़लता के बीच एक ऊँची चट्टान के समान है, जो कभी-कभी हाथ आयी हुई बाज़ी को भी हाथ से निकाल देता है।
कोई भी व्यक्ति नकारात्मक विश्वास की दलदल में फ़ँसकर अपने लक्ष्य तथा सफ़लता से दूर होता चला जाता है। आपको इसी दलदल से बाहर आकर सफ़लता के मध्य आने वाली बाधाओं से निजात पानी है। और, इसके लिए आपको निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना होगा। आपको अपने मस्तिष्क को हमेशा यही निर्देश देना होगा कि आप सब कुछ कर सकते हैं। अगर आपको परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त करने हैं, तो आप अच्छे अंक पाकर ही रहेंगे। आपको अपने मस्तिष्क को हमेशा तनाव से दूर रखना होगा। असल में तनाव आपकी बहुत सारी शक्ति नष्ट कर देता है। किसी भी कार्य को करने से पहले आपको अपने मन में उस कार्य की सफ़लता के लिए विश्वास पैदा करना होगा। मैं आपको यक़ीन दिलाता हूँ कि आपकी यही भावना आपको सफ़लता दिलायेगी।
इसके अलावा यह बात भी आप ध्यान में रखें कि जब भी आप किसी कार्य को हाथ में लेते हैं या कोई समस्या सुलझाने की स्थिति में आ जाते हैं, तो अपने मस्तिष्क से विचार-विमर्श कीजिए और उसके उत्तम विचारों को जानने के बाद ही कोई उचित निर्णय कीजिए। याद रखिए, इन सब बातों पर ग़ौर करने के बाद उचित दिशा में उठाया गया सार्थक कदम आपको निश्चित रूप से सफ़लता दिलायेगा।
इस पुस्तक में इन सभी बातों पर गहराई से प्रकाश डाला गया है। मुझे उम्मीद ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि यह पुस्तक विद्यार्थियों को तो लाभान्वित करेगी ही, साथ-ही-साथ आम पाठकों की भी स्मरण-शक्ति बढ़ाने में मील के पत्थर की भूमिका निभायेगी।
इस पुस्तक के लेखन के लिए मैं ‘वी एण्ड एस’ पब्लिशर्स के युवा डायरेक्टर श्री साहिल गुप्ताजी का विशेष रूप से आभारी हूँ, जिन्होंने पाण्डुलिपि को पढ़कर कई ज़रूरी सुझाव दिये।
प्रस्तुत पुस्तक के विषय में आपके सुझावों का मुझे इन्तज़ार रहेगा।
-अरुण सागर ‘आनन्द’

समर्पण
अरुणिमा को!
जिसकी मधुर स्मृतियाँ
हमेशा मेरे सृजनात्मक
लेखन की प्रेरणा-स्रोत रहीं!
विषय-सूची
भाग-1
दिमाग की ताकत कैसे बढ़ायें
पहला दिन-अपने मस्तिष्क को पहचानें
दूसरा दिन-सीखने की कला कैसे विकसित करें?
तीसरा दिन-अवलोकन-शक्ति कैसे विकसित करें?
चौथा दिन-कल्पना-शक्ति कैसे विकसित करें?
पाँचवाँ दिन-निर्णय-शक्ति कैसे विकसित करें?
छठा दिन-एकाग्रता-शक्ति कैसे बढ़ायें?
भाग-2
स्मरण-शक्ति कैसे बढ़ायें?
सातवाँ दिन-क्या कहता है, मनोविज्ञान ‘स्मृति’ के बारे में...
आठवाँ दिन-उत्तम स्मृति के मूल मन्त्र
नौवाँ दिन-सम्बन्ध/शृंखला-विधि (Chain Method)
दसवाँ दिन-स्मृति की भाषा
ग्यारहवाँ दिन-संख्या आकृति-विधि
बारहवाँ दिन-वर्णमाला एवं यादगार घटनाएँ-विधि
तेरहवाँ दिन-पुनरावृत्ति
चौदहवाँ दिन-स्मृति-चिह्नों की परीक्षा
पन्द्रहवाँ दिन-खूँटी-सिद्धान्त
सोलहवाँ दिन-खूँटी-सिद्धान्त द्वारा दैनिक कार्यों को कैसे याद किया जाये?
सतरहवाँ दिन-टेलीफोन नम्बर, चेहरे व नामों को कैसे याद रखे?
अठारहवाँ दिन-जन्मदिन -व इतिहास की महत्त्वपूर्ण तिथियाँ कैसे याद करें?
उन्नीसवाँ दिन-विभिन्न विषयों से सम्बन्धित महत्त्वपूर्ण तथ्य कैसे याद करें?
बीसवाँ दिन-भाषण व निबन्ध कैसे याद करें?
भाग-3
परीक्षा में अव्वल कैसे आयें
इक्कीसवाँ दिन-कुछ बातें विद्यार्थियों से
बाईसवाँ दिन-पढ़ाई का तनाव और आप
तेईसवाँ दिन-ध्यान लगाओ...तनाव भगाओ
चौबीसवाँ दिन-नोट्स कैसे तैयार करें?
पच्चीसवाँ दिन-टाइम मैनेजमेण्ट
छब्बीसवाँ दिन-सफल अध्ययन कैसे करें?
सत्ताईसवाँ दिन-आत्मविश्वास कैसे बढ़ायें?
अठ्ठाईसवाँ दिन-परीक्षा के अन्तिम दिनों में क्या करें?
उन्तीसवाँ दिन-मेरिट में आने के लिए क्या करें?
तीसवाँ दिन-अपनी स्मरण-शक्ति फिर से परखिए
....और अन्त में
भाग-1


दिमाग की ताकत कैसे बढ़ायें

पहला दिन-अपने मस्तिष्क को पहचानें

मानव-मस्तिष्क एक पैराशूट की तरह है। जब तक वह खुला रहता है, तभी तक कार्यशील रहता है।
-लॉर्ड डेवन
मनुष्य के शरीर में मस्तिष्क ऐसी चीज़ है, जो किसी बन्धन को नहीं मानती।
-जवाहर लाल नेहरू
मनुष्य का मस्तिष्क बंजर खेत की तरह है। जब इसमें बाहर से मसाला नहीं आयेगा, इसमें कुछ पैदा नहीं हो सकता।
-रेनॉल्ड्स

प्रि य पाठकों! "इम्प्रूव योर मेमोरी पॉवर" क्लास रूम में आपका स्वागत है। आप यहाँ अपनी स्मरण-शक्ति विकसित करने के उद्देश्य से आये हैं। मैं आपको विश्वास दिलाता हूँ कि अगर आप मेरे द्वारा बतायी गयी तकनीकों पर बिना नागा किये अमल करेंगे, तो आपकी स्मरण-शक्ति, दोगुनी-तिगुनी नहीं, बल्कि चौगुनी विकसित हो जायेगी।

आपको यह जानकर बेहद हैरानी हो रही होगी कि मात्रा एक किताब पढ़ने से आपकी स्मरण-शक्ति चौगुनी कैसे हो सकती है, जबकि आपने कई दिग्गज लेखकों की स्मरण-शक्ति बढ़ाने वाली महँगी पुस्तकें न केवल पढ़ी हैं, बल्कि उन्हें दिन-रात रट्टा लगाकर कण्ठस्थ भी किया हुआ है, फिर भी आप अपनी मेमोरी अपने मनमाफि़क विकसित न कर सके।
प्यारे पाठकों! सच बात तो यह है कि कुछ पुस्तकें बाहर से देखने के लिए होती हैं और कुछ पुस्तकें अन्दर से झाँकने के लिए। कुछ पढ़ने के लिए और कुछ समझने के लिए। यह पुस्तक जो आपके हाथों में है, न केवल पढ़कर समझने के लिए है, बल्कि समझकर प्रयोग करने के लिए भी है। परन्तु आप इस पुस्तक में दी गयी विशेष मनोवैज्ञानिक विधियों का प्रयोग और सदुपयोग तभी कर पायेंगे, जब आप इसमें दिये गये अभ्यासों पर अच्छी तरह से अभ्यास करेंगे।
आज हम मस्तिष्क के बारे में चर्चा करेंगे, क्योंकि हमारी स्मरण-शक्ति को विकसित करने का कार्य मस्तिष्क ही करता है।

वास्तव में, हमारा मस्तिष्क प्रकृति की अनमोल देने है। यह मनुष्य की शक्तियों का भण्डार है। यह अद्भुत शक्ति आपको तभी मिल सकती है, जब आप इसका उपयोग करना सीख लेंगे। इसका इस्तेमाल करने से पहले आइए! हम एक नज़र इसकी कार्य-प्रणाल

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