DRAWING & PAINTING COURSE (Hindi) (With CD)
105 pages
Hindi

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Description

Children have always been attracted towards bright colours, various shapes and diverse objects that they see around them. Nature fascinates them. The beautiful birds, animals, flowers and trees fires their imagination and they want to capture it on paper. But how, for all are not artists.

Well, this book has been especially developed for those who want to learn and master the art in a fun way. The step-by-step instructions, along with the audio-visual CD, will show you how to create beautiful pictures. See how a circle or an oval transforms into a flower or a peacock; a few lines here and a few there become a human figure. This book starts with the basics - lines, shades, texture, balance, harmony, rhythm, tone, colours, etc. and goes on to teach the various different techniques of drawing and painting. So pick up a pencil and paper and let your imagination fly. Gain confidence with each passing day and master the art of drawing and painting.


Informations

Publié par
Date de parution 23 juillet 2011
Nombre de lectures 0
EAN13 9789352150670
Langue Hindi
Poids de l'ouvrage 1 Mo

Informations légales : prix de location à la page 0,0500€. Cette information est donnée uniquement à titre indicatif conformément à la législation en vigueur.

Extrait

15 दिन का________
ड्राइंग तथा पेंटिंग कोर्स



 
______15 दिन का______
ड्राइंग तथा पेंटिंग कोर्स
(एक अनुभवी आर्टिस्ट द्वारा तैयार किया गया सरल एवं प्रभावी पद्धति पर आधारित
15 दिन में ड्राइंग, पेंटिंग तथा कमर्शियल आर्ट सिखाने वाला कोर्स।)
 
 
 
लेखक
ए.एच. हाशमी
 
पुनर्चित्रण
सुमित सखूजा सोनल
 
 
 



प्रकाशक

F-2/16, अंसारी रोड, दरियागंज, नयी दिल्ली-110002 23240026, 23240027 • फैक्स: 011-23240028 E-mail: info@vspublishers.com • Website: www.vspublishers.com
क्षेत्रीय कार्यालय : हैदराबाद
5-1-707/1, ब्रिज भवन (सेंट्रल बैंक ऑफ़ इंडिया लेन के पास)
बैंक स्ट्रीट, कोटि, हैदराबाद-500015
040-24737290
E-mail: vspublishershyd@gmail.com
शाखा : मुम्बई
जयवंत इंडस्ट्रियल इस्टेट, 1st फ्लोर, 108-तारदेव रोड
अपोजिट सोबो सेन्ट्रल मुम्बई 400034
022-23510736
E-mail: vspublishersmum@gmail.com
फ़ॉलो करें:
© कॉपीराइट: वी एण्ड एस पब्लिशर्स ISBN 978-91-920796-7-7
डिस्क्लिमर
इस पुस्तक में सटीक समय पर जानकारी उपलब्ध कराने का हर संभव प्रयास किया गया है। पुस्तक में संभावित त्रुटियों के लिए लेखक और प्रकाशक किसी भी प्रकार से जिम्मेदार नहीं होंगे। पुस्तक में प्रदान की गई पाठ्य सामग्रियों की व्यापकता या संपूर्णता के लिए लेखक या प्रकाशक किसी प्रकार की वारंटी नहीं देते हैं।
पुस्तक में प्रदान की गई सभी सामग्रियों को व्यावसायिक मार्गदर्शन के तहत सरल बनाया गया है। किसी भी प्रकार के उदाहरण या अतिरिक्त जानकारी के स्रोतों के रूप में किसी संगठन या वेबसाइट के उल्लेखों का लेखक प्रकाशक समर्थन नहीं करता है। यह भी संभव है कि पुस्तक के प्रकाशन के दौरान उद्धत वेबसाइट हटा दी गई हो।
इस पुस्तक में उल्लीखित विशेषज्ञ की राय का उपयोग करने का परिणाम लेखक और प्रकाशक के नियंत्रण से हटाकर पाठक की परिस्थितियों और कारकों पर पूरी तरह निर्भर करेगा।
पुस्तक में दिए गए विचारों को आजमाने से पूर्व किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है। पाठक पुस्तक को पढ़ने से उत्पन्न कारकों के लिए पाठक स्वयं पूर्ण रूप से जिम्मेदार समझा जाएगा।
मुद्रक: परम ऑफसेटर्स, ओखला, नयी दिल्ली-110020


क ला का मानव-आत्मा और मन से स्थाई रिश्ता है जिसे कभी अलग नहीं किया जा सकता। यह स्थाई रिश्ता अपने स्थायित्व के कारण ही एक युग का संदेश दूसरे युग को कला के रूप में देता है। प्राचीन कला हमें उस युग की विकसितावस्था, संस्कृति और सभ्यता की कहानी सुनाती है।
हर युग में कला का महत्त्व रहा है, यह अलग बात है कि ड़सको बाकायदा एक विषय नहीं बनाया गया था। लेकिन इस वैज्ञानिक युग में कला के महत्त्व को समझा गया है और इसको एक आवश्यक विषय के रूप में भी अपनाया गया है। आज विभिन्न कलाओं में ड्राइंग तथा पेंटिंग का प्रपुख स्थान है। आज़ के आधुनिक परिवारों के युवक-युवतियों में ड्राइंग तथा पेंटिंग (चित्रकला) के प्रति रुचि तेजी से बढ़ती जा रही है। कला की फिर इनका यह झुकाव स्वाभाविक ही है, क्योंकि मानव आदि काल से ही सौंदर्य प्रेमी रहा है तथा जानवरों, मनुष्यों, पेंड़-पौधों, देवी-देवताओं आदि की आकृतियों को बड़े परिश्रम और लगन से चित्रित करता रहा है-इसके प्रत्यक्ष उदाहरणा हैं, हमारे यहीं के प्राचीन मंदिर और गुफाएं, जिनमें उनकी कलाकृतियां आज भी उनके गौरव के गीत गा रही हैं।
बाजार में यों तो इस विषय पर दर्जनों पुस्तकें हैं, परंतु ऐसी कोई भी पुस्तक उपलब्ध नहीं है जो ड्राइंग तथा पेंटिंग की सभी विधाओं की सरलतम भाषा में पेंसिल पकड़ने से लेकर मार्डन आर्ट तक की जानकारी क्रमबद्ध चित्रों के उदाहरण सहित दे सके।
हमारे प्रगतिशील देश की प्रगति एवं विकास में चित्रकला का विशेष हाथ है। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए 15 दिन का यह कोर्स तैयार किया गया है ताकि ड्राइंग तथा पेंटिंग के शौकीन आज की आवश्यकताओं के अनुरूप कुछ रचनात्मक कार्य करके देश की प्रगति में हाथ बंटाने के साथ-साथ अपना व्यवसाय भी चुन सके।
यह कोर्स सैद्धांतिक व प्रयोगात्मक पद्धति पर आधारित है-पेंसिल पकड़ने के प्रारंभिक अभ्यास से लेकर हर प्रकार की ड्राइंग, पेंटिंग तथा कमर्शियल आर्ट सीखने का एक आसान रास्ता जो वस्तुत: आपको मंजिल पर पहुंचते-पहुंचते एक कलाकार बना सकता है। लेकिन शर्त यही है कि आप इस कोर्स को ध्यानपूर्वक पढ़ें' और साथ-साथ अभ्यास करें।
दुनिया की हर चीज, इसका तमाम सौंदर्य, कला से संबंधित है अत: ड्राइंग तथा पेंटिंग में क्या-क्या हो, इसकी कोई सीमा नहीं है। फिर भी हमने ज्यादा से ज्यादा सामग्री देने की कोशिश की है और कोर्स को सरल व रुचिकर बनाने पर अत्यधिक ध्यान दिया है। हमारा यह प्रयास कहां तक सफल हुआ है, इसका निर्णय तो आप ही कर सकेंगे। हम इस कोर्स के संबंध में हर प्रकार के सुझावों का स्वागत करेंगे।
इस पुस्तक के लेखक एक अनुभवी चित्रकार हैं तथा वर्षों के परिश्रम से उन्होंने यह महत्वपूर्ण पुस्तक मात्र 15 दिन के कोर्स के रूप में इस ढंग से तैयार की है कि बच्चों से लेकर युवक-युवतियों, आर्ट-टीचरों, शौकिया चित्रकारों तथा कमर्शियल आर्टिस्टों-सभी के लिए समान रूप से उपयोगी सिद्ध होगी।
महिलाएं खाली समय में इस अभूतपूर्व कोर्स की सहायता से वाटर-कलर, आयल तथा फैब्रिक पेंटिंग सीखकर अपने घर को कलाकृतियों से सजा सकती हैं।
पुस्तक सैकड़ों रंग-बिरंगे चित्रों से सुसज्जित है। चित्रकला की एक लोकप्रिय विधा बाटिक को भी इसमें सम्मिलित किया गया है।
हमें पूर्ण विश्वास है कि इस बहुमुखी पुस्तक का पाठक-वर्ग में भरपूर स्वागत होगा।
—प्रकाशक



पहला दिन : आवश्यक उपकरण-पेंसिल, रबर या इरेजर्स, टी तथा सेटस्क्वायर, चॉक और क्रेयान, उपकरण बॉक्स, पेन, ईजल, ब्रश, रंग तथा स्याही, कागज़, डाइंग-बोर्ड, अन्य सामान।
दूसरा दिन : रेखा., रचना तथा आकृति, प्रकाश तथा छाया, टेक्सचर, संतुलन, संगति, कंट्रास्ट, रिदम, एम्फेसिज, टोन, रंग।
तीसरा दिन : पदार्थ चित्रण या वस्तु चित्रण, संदर्श, रेखीय संदर्श, वृत्तीय संदर्श, रंग संदर्श, दृष्टि पटल।
चौथा दिन : प्रकाश, हाइलाइट, शेड, छाया, परावर्तित प्रकाश, परावर्तित शेड, प्रकाश, शेड तथा दृश्य. दिखने के लिए विभिन्न तकनीकें।
पांचवां दिन : पत्तियों की ड्राइंग, फूलों की ड्राइंग, पेड़-पौधों की ड्राइंग।
छठा दिन : फल तथा सब्ज़ियों को डाइंग।


सातवां दिन : पक्षियों की ड्राइंग।
आठवां दिन : पशुओं की ड्राइंग।
नौवां दिन : शरीर के अंगों की माप तथा उनका अनुपात।
दसवां दिन : आँखें, नाक, होंठ, कान तथा चेहरे की ड्राइंग।
ग्यारहवां दिन : सिर या चेहरे का पार्श्व चित्र।
बारहवां दिन : सिर के सामने की स्थिति।
तेरहवां दिन : हाथ की रचना और मुद्राएं, पांव की रचना और मुद्राएं, शरीर के अन्य अंगों की ड्राइंग।
चौदहवां दिन : चित्रांकन करने की विभिन्न पद्धतियां ।
पंद्रहवां दिन : वाटर कलर पेंटिंग, रंग भरने की विधि, आँयल पेंटिंग, एक्रिलिक पेंटिंग, बाटिक।


प्रि य पाठको! आदिकाल से ही मानव का आकर्षण कला की ओर रहा है। आज के इस आधुनिक युग में मनुष्य जितना अधिक जीवनयापन के कार्यों में व्यस्त होता जा रहा है, उतना ही कला का महत्त्व बढ़ता जा रहा है। वास्तविकता यह है कि फोटोग्राफी, टेलीविजन, कप्यूटर, प्रिंटिंग और विज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र में यह विषय अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रहा है।
आपके हाथ में हमारा यह 15 दिन का कोर्स है। हम मानते हैं' कि आप ड्राइंग तथा पेंटिंग के शौकीन है, और चाहते है' कि इस विषय को सीखें और एक सफल कलाकार बन जाएं। तो आइए! हम आपकी मुश्किल आसान कर दें, लेकिन आपको वायदा करना होगा कि 15 दिन आप हमारे साथ ही रहेंगे और हमारे बताए हुए नियमों का पालन करते हुए अभ्यास करेंगे। हमें विश्वास है कि आप हमारे ट्ठारा सुझाए गए तरीकों से सफलता प्राप्त कर ही लेंगे, परन्तु याद रखिए- कला एक ऐसा विषय है जिसमें लगन तथा अभ्यास की विशेष आवश्यकता है। हम पूरी कोशिश करेंगे कि आप में आत्मविश्वास, लगन, जिज्ञासा और विश्लेषणात्मक शक्ति का विकास हो सके।
यदि आप कला की इस दुनिया में चलने के लिए तैयार हैं' तो विश्वास कीजिए, हम भी उस समय तक आपके हमसफर रहेंगे जब तक आप मंजिल पर न पहुंच जाएं।
लेकिन कला की इस दुनिया में अपनी कला दिखाने के लिए कुछ सामग्री की आवश्यकता भी होती है। साधारण चित्रण के लिए तो पेंसिल, कागज और रंग ही काफी हैं, लेकिन अनेक ऐसी सामग्रियां भी हैं, जिनसे चित्रण में न केवल सहायता ही मिलती है बल्कि उनका प्रयोग चित्रण में सौंदर्य पैदा कर देता है। चित्रण के लिए आवश्यक सामग्री 'लोकल आर्ट स्टोर' से उपलब्ध हो सकती है। आवश्यक सामग्री इस प्रकार है-
पेंसिल, स्केच पेन, ग्रेफाइट स्टिक (Graphite stick), वैक्स क्रेयॉन्स (Wax crayons), रंगीन पेंसिलें, चारकोल, (Charcoal), राइटिंग पेन, टेक्निकल पेन, बॉल-प्वाइंट पेन, फेल्ट-टिप्ड पेन, ब्रॉड-टिप्ड फेल्ट पेन, क्रोक्याल, विभिन्न प्रकार के निब, ट्रांसपेरेंट फोटो कलर, ट्यूब कलर, पोस्टर कलर, वाटर ड्राइंग इंक, स्केल, टी, सेट-स्क्वायर, कर्व्स, उपकरण बॉक्स, कलर पैलेट (Colour palette), ड्राइंग बोर्ड, बोर्ड-पिन, पानी के लिए मग, ड्राइंग शीट (ग्लेज्ड तथा रफ आवश्यकतानुसार), ट्रेसिंग पेपर, रबर, फेविकोल, रबर सोल्यूशन, ब्रश, कॉटन और रूमाल इत्यादि। अब यह भी समझ लीजिए कि इस सामान का क्या उपयोग है और इसे किस तरह इस्तेमाल करना चाहिए।
पेंसिल (Pencil)
ड्राइंग के लिए पेंसिल एक आवश्यक उपकरण है। ये हल्की और गहरी दोनों प्रकार की होती हैं। इनको नंबरों से पहचाना जाता है। इनके नंबर निम्न होते हैं:
HB -यह मीडियम पेंसिल है। ड्राइंग में इसका उपयोग बहुत अधिक किया जाता है, क्योकि यह न तो अधिक काली होती है और न अधिक कठोर, और जल्दी टूटती भी नहीं। इससे खींची गई रेखाओं को आवश्यकता पड़ने पर सरलता से मिटाया जा सकता है।
B -यह पेंसिल कुछ नर्म होती है और इससे कुछ गहरी रेखाएं खींची जा सकती हैं।
2B -यह पेंसिल नर्म और कुछ अधिक काली होती है। इसका उपयोग गहरी और स्पष्ट रेखाएं खींचने में किया जाता है।
3B -यह अत्यन्त मुलायम और साथ ही काली भी अधिक होती है। इसे हलके हाथ से इस्तेमाल करना चाहिए, क्योकि इसका लेड ज्यादा दबाव से टूट जाता है।
4B -यह काफी काली होती है। ड्राइंग में उसका उपयोग छाया-पकाश (Shading) के प्रभाव को दर्शाने में किया जाता है।
5B -यह पेंसिल बहुत ज्यादा काली होती है। इसका उपयोग भी छाया (Shade) के प्रभाव को दिखने के लिए किया जाता है।
6B -यह पेंसिल भी अधिक मुलायम और काली होती है। इसेका उपयोग भी कालेपन को दर्शाने में किया जाता है। इन पेंसिलों के अनिश्चित ड्राइंग में कार्बन पेंसिलों का भी उपयोग किया जाता है। यह पेंसिलें अधिक काली होती हैं। इनकी विशेषता इनका कालापन है, जो कि पेस्टल एवं वाटर कलर के साथ मेल खा जाता है। ये पेंसिलें इस प्रकार हैं-
HB -साधारण मुलायम और काली। इसका उपयोग रेखाएं खींचने में किया जाता है।
B -ड्राइंग करने तथा हलकी छाया दिखाने के लिए इसका पयोग करते हैं।
BB -यह अधिक काली होती है। इसका उपयोग भी शेडिंग करने में किया जाता है।
BBB -यह विशेष रूप से काली तथा मोटी होती है। गहरी शेडिंग के ल

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